
चीन में टैरिफ बढ़ने से भारतीय ऑटो पार्ट्स कंपनियों को होगा फायदा, रिपोर्ट में दावा
क्या है खबर?
चीनी आयात पर बढ़ते टैरिफ से वैश्विक ऑटोमोटिव आपूर्ति श्रृंखला बाधित होने का खतरा है।
ऐसे में लागत प्रभावी विनिर्माण साझेदारों की तलाश कर रहे वैश्विक ऑटो निर्माताओं के लिए भारत एक आशाजनक विकल्प के रूप में उभर रहा है।
नए टैरिफ से अमेरिका में वाहनों की कीमतें बढ़ेंगी और अल्पावधि में मांग पर घट सकती है।
इससे वैश्विक कंपनियों को अन्य विकल्पों की तलाश करने में मदद मिलेगी, जिसका फायदा भारतीय ऑटो पार्ट्स आपूर्तिकर्ता को हो सकता है।
पुनर्विचार
सप्लाई चेन को लेकर कंपनियां कर रहीं पुनर्विचार
ANI की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापार तनाव ने अंतरराष्ट्रीय वाहन निर्माताओं को अपने आपूर्ति नेटवर्क का पुनर्मूल्यांकन करने के लिए प्रेरित किया है।
इस बदलते परिदृश्य में भारतीय ऑटो पार्ट निर्माता महत्वपूर्ण गति प्राप्त करने के लिए अच्छी स्थिति में हैं।
2023 में अमेरिका को चीनी ऑटो पार्ट्स का निर्यात 11 अरब डॉलर (करीब 985 अरब रुपये) था, जबकि भारत का 2 अरब डॉलर (करीब 170 अरब रुपये) रहा।
बढ़ावा
अमेरिका में निर्यात बढ़ाने का भी मौका
अब भारतीय ऑटो पार्ट्स निर्माताओं के पास निर्यात में इस असमानता को दूर कर अधिक बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का मौका है क्योंकि, कंपनियां चीन से दूर जाने की कोशिश कर रही हैं।
अमेरिका ने बढ़ाए टैरिफ पर व्यापार वार्ता के लिए तैयार देशों के लिए 90 दिनों के लिए रोक लगा दी है।
चीन के विपरीत भारत इसका फायदा उठा सकता है, जिससे उसके लिए अमेरिका में ऑटो पार्ट्स का निर्यात बढ़ाने का मौका होगा।