
मेटा पर अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन से साझा करने का लगा आरोप
क्या है खबर?
फेसबुक की पैरेंट कंपनी मेटा पर अमेरिकी यूजर्स का डाटा चीन के साथ साझा करने का आरोप लगा है।
रिपोर्ट के अनुसार, मेटा की पूर्व अधिकारी सारा व्यान-विलियम्स ने सीनेट में बताया कि कंपनी ने चीन में 18 अरब डॉलर (लगभग 1,550 अरब रुपये) कमाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया।
उन्होंने कहा कि मेटा के अधिकारियों ने चीनी सरकार को अमेरिकियों का डाटा देने की अनुमति दी। हालांकि, मेटा ने इन आरोपों को झूठा और भ्रामक बताया है।
दावा
विरोधियों को चुप कराने के लिए चीन से मिली भगत का दावा
सुनवाई में व्यान-विलियम्स ने आरोप लगाया कि मेटा ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की आलोचना करने वालों को चुप कराने में मदद की।
उन्होंने कहा कि कंपनी ने बीजिंग के साथ मिलकर सेंसरशिप टूल बनाए और चीन में रह रहे असंतुष्ट गुओ वेंगुई का अकाउंट हटाया।
मेटा ने सफाई दी कि गुओ के पेज को उसके प्लेटफॉर्म नियमों के उल्लंघन के कारण हटाया गया था, लेकिन आरोप है कि यह चीन के दबाव में किया गया।
टकराव
किताब लिखने पर मेटा से कानूनी टकराव
सारा ने अपने अनुभवों पर 'केयरलेस पीपल' नाम की एक किताब भी लिखी है, जिसे मेटा ने झूठा बताकर प्रचार पर रोक लगवा दी। मेटा ने कहा कि यह किताब झूठे आरोपों से भरी है और इसे कभी प्रकाशित नहीं होना चाहिए था।
हालांकि, सारा का कहना है कि उन्होंने कंपनी के अंदर देखे गए वास्तविक हालात को ही उजागर किया है। मार्च में आई यह किताब मेटा में काम के दौरान हुए अनुभवों पर आधारित है।
धमकी
गवाही देने पर दंड की धमकी
सीनेट में गवाही देने के दौरान सेनेटर हॉली ने बताया कि मेटा सारा पर 50,000 डॉलर (लगभग 43 लाख रुपये) का जुर्माना लगाने की धमकी दे रही है, अगर वह फेसबुक का नाम लेती हैं।
मेटा का कहना है कि यह शर्त 2017 में हुए एक समझौते का हिस्सा थी। सारा ने कहा कि गवाही देने का निर्णय उनके लिए बेहद कठिन रहा और इससे उन पर मानसिक रूप से बुरा असर पड़ा है।