डिजिटल लेन-देन में शीर्ष पर पहुंचा भारत, बेंगलुरू में हुईं सबसे ज्यादा डिजिटल ट्रांजेक्शन
क्या है खबर?
डिजिटल भुगतान के मामले में भारत ने बड़ा रिकॉर्ड कायम किया है। UPI के जरिए होने वाले लेन-देन के मामले में भारत पूरी दुनिया में शीर्ष पर पहुंच चुका है।
साल 2022 में भारत में 8.95 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन हुए, जो ब्राजील, चीन, थाईलैंड और दक्षिण कोरिया जैसे देशों के कुल आंकड़े से कहीं ज्यादा है।
सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए कहा कि देश कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर है।
दुनिया
दुनिया के 46 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन भारत में हुए
सरकार ने कहा कि साल 2022 में दुनियाभर में हुए कुल डिजिटल लेन-देन में से 46 प्रतिशत भारत में हुए।
साल 2021 की तुलना में देश के डिजिटल पेमेंट में 91 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है। भारत ने इस मामले में चीन को भी पछाड़ दिया है।
बता दें कि साल 2010 तक डिजिटल लेनदेन के मामले में चीन शीर्ष पर हुआ करता था और भारत दूसरे नंबर पर था।
देश
भारत के बाद कौन-से देश?
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के बाद 2.92 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ ब्राजील दूसरे नंबर पर है। 1.76 करोड़ ट्रांजेक्शन के साथ चीन तीसरे, 1.65 करोड़ ट्रांजेक्शन के साथ थाईलैंड चौथे और 80 लाख ट्रांजेक्शन के साथ दक्षिण कोरिया पांचवें नंबर पर है।
भारत में डिजिटल लेन-देन का आंकड़ा शीर्ष 4 देशों के कुल आंकड़े से भी ज्यादा है। 2014 के बाद से इसमें काफी तेजी से वृद्धि हुई है।
शहर
डिजिटल लेनदेन के मामले में कौन-सा शहर आगे?
वर्ल्डलाइन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2022 में बेंगलुरु में सबसे ज्यादा 2.9 करोड़ डिजिटल ट्रांजेक्शन किए गए, जिनकी कुल कीमत 6,500 करोड़ रुपये थी।
इसके बाद 1.96 करोड़ लेन-देन के साथ दिल्ली दूसरे, 1.87 करोड़ लेन-देन के साथ मुंबई तीसरे स्थान पर रहा। इसके बाद पुणे और चेन्नई क्रमश: चौथे और पांचवे स्थान पर रहे।
2022 में सबसे ज्यादा डिजिटल लेन-देन किराना दुकान, रेस्तरां, कपड़ों की दुकान, मेडिकल, होटल, ज्वेलरी की दुकानों पर किया गया।
मोदी
प्रधानमंत्री बोले थे- ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदल रही
बता दें कि इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि भारत डिजिटल भुगतान में नंबर एक है और देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदल रही है।
उन्होंने कहा था, "भारत उन देशों में से एक है जहां मोबाइल डाटा सबसे सस्ता है। आज देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदल रही है।"
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत डिजिटल लेन-देन में मूल्य और मात्रा दोनों के संदर्भ में रिकॉर्ड बना रहा है।