RBI ने फिर बढ़ाई रेपो रेट, 25 बेसिस प्वाइंट के इजाफे के बाद 6.50 प्रतिशत हुई
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बुधवार को रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। इसके साथ ही रेपो रेट 6.25 प्रतिशत से बढ़कर 6.50 प्रतिशत हो गई है। RBI के गर्वनर शक्तिकांत दास ने मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद रेपो रेट में वृद्धि की घोषणा की। RBI ने लगातार छठी बार रेपो रेट में वृद्धि की है। इससे पहले पिछले साल 7 दिसंबर को 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि की गई थी।
बजट पेश होने के बाद MPC की पहली बैठक
रेपो रेट पर फैसले के लिए 6 फरवरी से MPC की बैठक चल रही थी। गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट पेश करने के बाद MPC की यह पहली बैठक थी।
6 बार में हुई 2.50 प्रतिशत की वृद्धि
मौजूदा वित्त वर्ष 2022-23 में रेपो रेट में 2.50 प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। मई, 2022 में रेपो रेट में 40 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि करके इसे 4.40 प्रतिशत किया गया था। इसके बाद RBI ने जून, अगस्त और सितंबर में इसमें 50-50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया, जिसके बाद यह क्रमशः 4.90, 5.40 प्रतिशत और 5.90 प्रतिशत पर पहुंच गई। आखिरी बार दिसंबर में 50 बेसिस प्वाइंट की वृद्धि के बाद रेपो रेट 6.25 प्रतिशत हो गई थी।
क्या होती है रेपो रेट?
RBI जिस दर पर बैंकों को कर्ज देता है, उसे रेपो रेट कहा जाता है। दरअसल, जिस प्रकार लोग अपनी जरूरतों के लिए बैंकों से पैसा लेकर ब्याज चुकाते हैं, उसी प्रकार बैंकों को केंद्रीय बैंक यानी RBI से लोन लेना पड़ता है। इस लोन पर बैंक जिस दर से RBI को ब्याज देते हैं, उसे रेपो रेट कहा जाता है। यह अर्थव्यवस्था के सबसे अहम फैक्टर्स में से एक होती है।
रेपो रेट में बढ़ोतरी से लोन होंगे महंगे
बता दें कि जब भी RBI की ओर से रेपो रेट में बढ़ोतरी की जाती है तो इसका सीधा प्रभाव लोन की ब्याज दरों में वृद्धि के तौर पर देखने को मिलता है। रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइन्ट का इजाफा होने पर होम लोन, ऑटो लोन और अन्य सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाएंगे। इसके बाद कई वाणिज्यिक बैंक भी ब्याज दर में इजाफा कर सकती हैं।
GDP में वृद्धि का अनुमान बढ़ाया गया
RBI ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 के लिए वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि 6.4 प्रतिशत रहेगी। इसके पहली तिमाही में 7.8 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 6.2 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में छह प्रतिशत और चौथी तिमाही में 5.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। वहीं चालू वित्त वर्ष 2022-23 के लिए GDP की वृद्धि दर के अनुमान को 6.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया गया है।