पर्सनल लोन के लिए कितनी जरुरी है ITR? जानिए इसके फायदे
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करना कानूनी जरूरी होने के साथ कई फायदे भी देता है। खासकर स्व-रोजगार व्यक्ति के लिए यह पर्सनल लोन लेने में मददगार है। ITR को उनके आय के प्रमाण के दस्तावेज के तौर पर माना जाता है। बैंक आमतौर पर अपनी वित्तीय स्थिरता, पुनर्भुगतान क्षमता और पात्रता देखने के लिए ITR आकलन करते हैं। अगर, इसमें बैंक के सभी मापदंड पूरे हो जाते हैं, तो लोन मिलने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती है।
ITR दाखिल करने के होते हैं ये फायदे
पर्सनल लोन लेने के लिए बैंक आपसे पिछले 2 से 3 वित्तीय वर्षों की ITR मांगती है। समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से फाइनेंशियल हिस्ट्री में भी सुधार आता है, जिसकी वजह से क्रेडिट स्कोर भी बढ़ जाता है। क्रेडिट स्कोर का अच्छा होना किसी भी बैंक में लोन आवेदन के लिए जरूरी है। यह ना सिर्फ आसान लोन उपलब्ध कराती है, बल्कि इसके जरिए कम ब्याज दर की सुविधा भी मिलती है।
इन दस्तावेजों की पड़ती है जरूरत
ITR के अलावा लोन देने के लिए बैंकों के कुछ और भी मापदंड हैं। इसके अनुसार, लोन लेने वाले की उम्र 21 से 60 साल के बीच हो और न्यूनतम आय 20,000 रुपये होनी चाहिए। इसके अलावा आपका क्रेडिट स्कोर 700 या उससे ऊपर होना बहुत जरूरी है। इसके साथ आपको पिछले 6-12 महीनों का बैंक स्टेटमेंट, बैलेंस शीट, GST पंजीकरण, व्यवसाय पंजीकरण प्रमाणपत्र, पैन कार्ड, आधार कार्ड दस्तावेजों के अलावा और पासपोर्ट आकार की तस्वीरों की जरूरत हाेती है।