
विदेशी मुद्रा भंडार कैसे बनता है किसी देश की आर्थिक सुरक्षा की ढाल?
क्या है खबर?
देश की आर्थिक स्थिति को हमेशा व्यवस्थित रखने और कठिन समय में संभालने के लिए हर देश को अलग-अलग क्षेत्र में पूंजी जमा करनी पड़ती है।
ये पूंजी आपातकाल, युद्ध, वैश्विक संकट या आर्थिक मंदी जैसे समय में काम आती है।
विदेशी मुद्रा भंडार भी इसी तरह की एक जरूरी पूंजी है, जो देश की आर्थिक सुरक्षा के लिए एक मजबूत ढाल की तरह काम करती है और विश्व स्तर पर देश की साख बनाए रखने में मदद करती है।
विदेशी मुद्रा भंडार
क्या होता है विदेशी मुद्रा भंडार?
विदेशी मुद्रा भंडार मतलब वो पैसा जो किसी देश की सरकार के पास दूसरे देशों की करंसी (जैसे अमेरिकी डॉलर, यूरो), सोना, और अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड के रूप में जमा होता है।
इसे रिजर्व बैंक अपने पास संभालकर रखता है, ताकि जब देश को विदेश से कुछ खरीदना हो या कोई आर्थिक संकट आए तब ये पैसा काम आ सके।
यह किसी देश की तिजोरी की तरह होता है, जिससे देश की जरूरतें पूरी की जा सकें।
लेन-देन
विदेशी लेन-देन को बनाता है सरल
विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर, यूरो जैसी दूसरी देशों की करेंसी होती है, जो व्यापार में इस्तेमाल होती है।
अगर किसी देश को पेट्रोल, दवाइयां या मशीनें बाहर से खरीदनी हों, तो भुगतान विदेशी मुद्रा में करना होता है। ऐसे में यह भंडार काम आता है।
इससे जरूरी चीजों का आयात रुकता नहीं और देश की जरूरतें पूरी होती रहती हैं। इससे देश की अर्थव्यवस्था पर दबाव नहीं आता और लोगों को चीजें मिलती रहती हैं।
मुद्रा
रुपये को गिरने से रोकने में मददगार
जब विदेशी मुद्रा की मांग बढ़ती है और देश में डॉलर की कमी हो जाती है, तब रुपया कमजोर होने लगता है।
ऐसे समय में रिजर्व बैंक इस भंडार का इस्तेमाल करके बाजार में डॉलर छोड़ता है, जिससे सप्लाई बढ़ती है और डॉलर की कीमत संतुलित रहती है। इससे रुपये की कीमत स्थिर रहती है।
अगर यह भंडार न हो तो रुपया बहुत तेजी से गिर सकता है और महंगाई बढ़ जाती है। इसलिए यह मुद्रा की रक्षा करता है।
निवेश
निवेश को देता है बढ़ावा
अगर देश के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार हो तो बाकी दुनिया को लगता है कि यह देश मजबूत है और किसी भी संकट से निपट सकता है।
इससे विदेशी निवेशक देश में पैसा लगाते हैं, जिससे नए उद्योग खुलते हैं और लोगों को रोजगार मिलता है। इससे अर्थव्यवस्था और तेजी से आगे बढ़ती है।
भंडार जितना बड़ा और स्थिर होता है, देश की छवि उतनी अच्छी बनती है और वह आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनता है।