
थोक और खुदरा महंगाई दर में दर्ज हुई गिरावट, खाने-पीने की चीजें हुईं सस्ती
क्या है खबर?
देश की थोक और खुदरा महंगाई दर में गिरावट दर्ज की गई है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के मुताबिक, मार्च, 2025 में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर घटकर 2.05 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 2.38 प्रतिशत थी।
यह कमी खाद्य उत्पादों, बिजली और कपड़ा मैन्युफैक्चरिंग जैसी चीजों की कीमतों में गिरावट के कारण आई है। फरवरी की तुलना में मार्च में थोक मूल्य में 0.19 प्रतिशत की कमी दर्ज हुई है।
प्राथमिक वस्तुएं
प्राथमिक वस्तुएं और बिजली हुई सस्ती
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मार्च में प्राथमिक वस्तुओं का सूचकांक 1.07 प्रतिशत घटा। इसमें कच्चा पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस, गैर-खाद्य पदार्थ और खाद्य पदार्थ शामिल हैं।
खनिजों की कीमत में थोड़ी बढ़ोतरी देखी गई। बिजली और ईंधन की कीमतों में भी कमी आई, जिससे संबंधित सूचकांक 0.91 प्रतिशत घटा।
हालांकि, निर्मित उत्पादों की कीमतों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जो उपभोक्ताओं पर कुछ असर डाल सकती है।
महंगाई
खाने-पीने की चीजों की महंगाई में गिरावट
खाद्य पदार्थों की महंगाई दर मार्च में घटकर 1.57 प्रतिशत रह गई, जो फरवरी में 3.38 प्रतिशत थी।
सब्जियों की कीमतों में गिरावट आई है, जो -15.88 प्रतिशत दर्ज की गई। अंडे, मांस और मछली की महंगाई घटकर 0.71 प्रतिशत हो गई। गेहूं की महंगाई बढ़कर 7.96 प्रतिशत रही। प्याज की महंगाई 26.65 प्रतिशत और आलू की -6.77 प्रतिशत रही।
कच्चे पेट्रोलियम की महंगाई -11.50 प्रतिशत और गैस की -7.64 प्रतिशत रही, जिससे ऊर्जा क्षेत्र को राहत मिल सकती है।
खुदरा महंगाई दर
मार्च में खुदरा महंगाई भी घटी
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति घटकर 3.34 प्रतिशत पर आ गई, जो अगस्त 2019 के बाद सबसे कम है।
यह लगातार दूसरा महीना रहा जब महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 4 प्रतिशत लक्ष्य से नीचे रही। मुख्य कारण खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट रही, जिससे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) में राहत दिखी।
खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 2.69 प्रतिशत पर आ गई, जो नवंबर 2021 के बाद सबसे कम स्तर है।
राहत
ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा राहत
ग्रामीण भारत में मुद्रास्फीति 3.79 प्रतिशत से घटकर 3.25 प्रतिशत पर आ गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 3.32 प्रतिशत से थोड़ा बढ़कर 3.43 प्रतिशत रही। शहरी खाद्य महंगाई 2.48 प्रतिशत पर आ गई।
हालांकि, कुछ आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ीं, जैसे नारियल तेल में 56.81 प्रतिशत, सोना में 34.09 प्रतिशत और अंगूर में 25.55 प्रतिशत साल-दर-साल बढ़त रही।
दूसरी ओर, शिक्षा, स्वास्थ्य और परिवहन जैसी सेवाओं में भी महंगाई में मामूली इजाफा देखा गया।