श्रीलंका: प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे की सेना और पुलिस को खुली छूट, हर जरूरी कदम उठाने को कहा
क्या है खबर?
आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव भागने के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाया है।
उन्होंने लोगों के गुस्से को दबाने के लिए आपातकाल की घोषणा भी कर दी, लेकिन हालात काबू में नहीं आ रहे हैं।
ऐसे में अब विक्रमसिंघे ने कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए सेना और पुलिस को खुली छूटे देते हुए हर जरूरी कदम उठाने को कहा है।
हालात
प्रधानमंत्री आवास में घुसे प्रदर्शनकारी
राष्ट्रपति राजपक्षे के देश छोड़कर भागने के बाद से ही लोगों का गुस्सा फूटा हुआ है। सुबह प्रदर्शनकारियों ने राजधानी कोलंबो में हिंसक प्रदर्शन किया और संसद भवन की तरफ मार्च किया।
उन्हें रोकने के लिए आपातकाल की घोषणा की गई। उसके बाद प्रदर्शनकारियों ने रानिल विक्रमसिंघे को पद से हटाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री आवास और उनके कार्यालय की ओर कूच किया।
इसको देखते हुए पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले भी दागने पड़े।
तोड़फोड़
प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में की तोड़फोड़
पुलिस के आंसू गैस के गोले दागने के बाद भी कई प्रदर्शनकारी फ्लावर स्ट्रीट स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में घुस गए और तोड़फोड़ की।
इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागने के साथ हवाई फायरिंग भी की। इस दौरान पुलिस से मुठभेड़ में कई पुलिसकर्मी और लोग घायल हो गए।
इसी तरह प्रदर्शनकारियों ने एक टीवी चैनल के कार्यालय पर भी हमला कर दिया। हालांकि, पुलिस ने सख्ती बरतते हुए प्रदर्शनकारियों को वहां खदेड़ दिया।
आदेश
प्रधानमंत्री ने दी सेना और पुलिस को खुली छूट
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने टीवी पर जारी बयान में कहा, "प्रदर्शनकारी मुझे कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने से रोकना चाहते हैं। हम फासीवादियों को सत्ता संभालने की इजाजत नहीं दे सकते।"
उन्होंने कहा, "मैंने सैन्य कमांडरों और पुलिस प्रमुख को आदेश दिया है कि व्यवस्था बहाल करने के लिए जो आवश्यक है वह करें। हम अपने संविधान को फाड़ने नहीं दे सकते हैं। हमें लोकतंत्र के लिए फासीवादी खतरा खत्म करना होगा।"
जानकारी
कब्जे वाले सभी सरकारी भवनों को खाली कराने के आदेश
प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने सेना और पुलिस के अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाते हुए प्रदर्शनकारियों के कब्जे वाले सभी सरकारी भवनों को खाली कराते हुए फिर से अपने कब्जे में लेने के भी आदेश दिए हैं। इसके बाद पुलिस और सेना आक्रामक हो गई।
पृष्ठभूमि
मालदीव से सिंगापुर के लिए रवाना हुए राष्ट्रपति राजपक्षे
इससे पहले सुबह राष्ट्रपति राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए थे। वह माले के वेलेना हवाई अड्डे पहुंचे, जहां अधिकारियों ने उनका स्वागत किया।
राजपक्षे के साथ उनकी पत्नी और बॉडीगार्ड समेत कुल चार लोग कोलंबो से एक सैन्य विमान में सवार होकर मालदीव पहुंचे थे, जहां से उन्हें पुलिस सुरक्षा के बीच अज्ञात स्थान पर ले जाया गया था।
हालांकि, शाम को राजपक्षे अपनी पत्नी और बॉडीगार्ड के साथ सिंगापुर के लिए रवाना हो गए।
आर्थिक संकट
भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका
श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है। देश में ईंधन खत्म हो गया है, जिससे वाहनों का चक्का ठप हो गया और कई दूसरी सेवाओं पर भी असर पड़ा है। पर्याप्त उत्पादन न होने के चलते बिजली संकट भी गहरा रहा है।
इसके चलते यहां पिछले कुछ महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है और हालात बेहद खराब हो चुके हैं।
संकट की शुरुआत
श्रीलंका में 2016 से खराब होने लगे थे हालात
2016 में पड़े भयंकर सूखे के कारण श्रीलंका के किसानों की कमर टूट गई थी। उसके बाद 2019 में चर्च में सिलेसिलेवार तरीके से हुए बम धमाकों में करीब 300 लोगों की मौत हुई थी।
इसका पर्यटन पर भारी असर पड़ा और विदेशी पर्यटकों ने श्रीलंका आना कम कर दिया।
श्रीलंका की GDP में पर्यटन क्षेत्र का 10 फीसदी योगदान होता है। 2020 में कोरोना महामारी से हालात बदतर हो गए और पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह ठप पड़ गया।