
अमेरिका कर रहा सेमीकंडक्टर पर नए टैरिफ लगाने की तैयारी, इलेक्ट्रॉनिक सामान होंगे महंगे
क्या है खबर?
व्हाइट हाउस ने हाल ही में कुछ इलेक्ट्रॉनिक सामानों पर टैरिफ में छूट दी है, लेकिन अब ट्रंप प्रशासन सेमीकंडक्टर पर नए शुल्क लगाने की योजना बना रहा है।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति श्रृंखला की समीक्षा की जा रही है।
प्रशासन 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम के तहत जांच जारी है, जो राष्ट्रपति को यह तय करने का अधिकार देता है कि किन आयातों से सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अहम माने जा रहे सेमीकंडक्टर
CNN की रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल इकोनॉमिक काउंसिल के प्रमुख केविन हैसेट ने कहा है कि सेमीकंडक्टर रक्षा उपकरणों का मुख्य हिस्सा हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के हथियारों में चीनी इनपुट की मौजूदगी चिंता का विषय है और इसलिए, सरकार चाहती है कि ये तकनीकी चीजें अमेरिका में ही बनें।
हैसेट ने इसकी तुलना पहले लगाए गए स्टील और एल्युमीनियम टैरिफ से की है, जो 25 प्रतिशत थे और उन्हीं नियमों के तहत लगाए गए थे।
लक्ष्य
उत्पादन को बढ़ावा देना है लक्ष्य
स्मार्टफोन और कंप्यूटर जैसे कई इलेक्ट्रॉनिक्स पर हाल ही में टैरिफ में छूट दी गई थी, लेकिन वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने बताया कि ये छूट अस्थायी हैं।
अब जल्द ही इन उत्पादों पर फिर से टैरिफ लग सकते हैं, क्योंकि वे सेमीकंडक्टर श्रेणी में आते हैं।
लुटनिक ने कहा कि ट्रंप प्रशासन इन पर विशेष टैरिफ लगाएगा, ताकि अमेरिका में ही निर्माण को बढ़ावा मिल सके और विदेशी निर्भरता कम की जा सके।
असर
आम उपभोक्ताओं पर क्या पड़ेगा असर?
अगर सेमीकंडक्टर पर नए टैरिफ लगाए जाते हैं, तो इसका असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
मोबाइल, लैपटॉप, कार और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जिनमें सेमीकंडक्टर लगते हैं, वे महंगे हो सकते हैं। अमेरिका में अधिकांश इलेक्ट्रॉनिक्स चीन और एशियाई देशों से आते हैं।
ऐसे में आयात महंगा होगा और कंपनियां बढ़ी हुई लागत ग्राहकों पर डाल सकती हैं, जिससे रोजमर्रा की तकनीकी चीजें आम लोगों की पहुंच से दूर हो सकती हैं।