2030 तक यूज्ड कारों की बिक्री जा सकती है 1 करोड़ के पार- रिपोर्ट
क्या है खबर?
भारत में यूज्ड कारों की बिक्री में इजाफा होने के संकेत मिल रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, 2030 तक पुरानी कारों की बिक्री सालाना 1 करोड़ का आंकड़ा पार कर करने की उम्मीद है।
CARS24 की 'गियर ऑफ ग्रोथ: द 2024 इंडियन यूज्ड-कार मार्केट रिपोर्ट' के अनुसार, भारतीय सेकंड हैंड कार बाजार में बड़े और छोटे शहरों दोनों में बिक्री बढ़ने के आसार हैं।
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और दिल्ली जैसे राज्य यूज्ड कार बिक्री में तेजी ला रहे हैं।
कारण
इस कारण पुरानी कारों की बिक्री में हुआ इजाफा
CARS24 के सह-संस्थापक गजेंद्र जांगिड़ ने कहा, "यूज्ड कार की बिक्री 2023 में 46 लाख से बढ़कर 2030 तक 1.08 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो 13 प्रतिशत की प्रभावशाली चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ आगे बढ़ रहा है।"
उन्होंने कहा, "जैसे-जैसे ग्राहकों की प्राथमिकताएं अधिक किफायती और भरोसेमंद विकल्पों के लिए बदल रही हैं, नई कार बाजार की तुलना में पुरानी कारों के बाजार में तेजी देखी जा रही है।"
SUV
कौनसे बॉडी स्टाइल वाले मॉडल ज्यादा आ रहे पसंद?
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 16.7 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ यूज्ड कार बाजार में SUV का दबदबा कायम रहा है। बड़ा आकार, बहुमुखी प्रतिभा और प्रीमियम अपील इन्हें शहरी और ग्रामीण दोनों बाजारों में पसंदीदा बनाती है।
रिपोर्ट में खुलासा किया है कि कोविड के बाद के ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव देखा गया है।
12 प्रतिशत कार खरीदार साझा परिवहन की तुलना में सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यक्तिगत गतिशीलता को प्राथमिकता दे रहे हैं।
मॉडल
ये मॉडल ग्राहकों को लुभा रहे
रिपोर्ट में कहा गया है कि मारुति सुजुकी स्विफ्ट मेट्रो और गैर-मेट्रो दोनों शहरों में सबसे अधिक मांग वाली मॉडल बन गई है।
इसके अलावा, हुंडई सैंट्रो, टाटा टियागो NRG और मारुति वैगनआर जैसे मॉडल्स ने लगातार अच्छा रीसेल वैल्यू प्रदान किया है, जिससे बजट के प्रति जागरूक खरीदारों के बीच इनकी लोकप्रियता मजबूत हुई है।
दूसरी तरफ नई कार खरीदने में फाइनेंस की भूमिका 2010 की 60 प्रतिशत से बढ़कर 2024 में 84 प्रतिशत हो गई।