डीजल से चलने वाली इन गाड़ियों का उत्पादन बंद करेंगी होंडा और हुंडई
कार कंपनियां धीरे-धीरे डीजल कारों का उत्पादन बंद करने लगी हैं। मारुति और फॉक्सवैगन पहले ही डीजल कारें बनाना बंद कार चुकी हैं। अब दिग्गज वाहन निर्माता कंपनी होंडा और हुंडई भी भारतीय बाजार में अपनी डीजल से चलने वाली गाड़ियों को बंद करने की योजना बना रही है। इसमें अमेज से लेकर हुंडई i20 जैसी गाड़ियां शामिल हैं। आइये उन मॉडलों के बारे में जानते हैं, जिन्हे आने वाले कुछ महीनों में बंद किया जा सकता है।
होंडा सिटी
कुछ महीने पहले होंडा ने अपनी होंडा सिटी सेडान कार को हाइब्रिड पेट्रोल इंजन के साथ अपडेट किया है। अब कंपनी इसके डीजल इंजन वाले वेरिएंट को बंद करने वाली है। जानकारी के अनुसार, कंपनी अगले साल के शुरुआत तक इस गाड़ी के डीजल मॉडल को बंद कर सकती है। वर्तमान में यह कार 1.5-लीटर डीजल इंजन (97.89hp/200Nm) और 1.5-लीटर पेट्रोल इंजन (119.35hp/145Nm) के विकल्प में आती है।
होंडा अमेज
होंडा अपनी अमेज सेडान कार के डीजल मॉडल को भी बंद करने वाली है। डिजाइन की बात करें तो सेडान में स्लोपिंग रूफ, LED हेडलाइट्स और 15-इंच के मिक्स्ड मेटल के अलॉय व्हील दिए गए हैं। केबिन में दो एयरबैग, पांच सीटें और 7.0 इंच का इंफोटेनमेंट पैनल दिया गया है। इसमें 1.5-लीटर डीजल इंजन दिया गया है जो 79.12hp/160Nm और 1.2-लीटर पेट्रोल इंजन जो 88.5hp/110Nm ऑउटपुट जनरेट करता है।
होंडा WR-V
होंडा WR-V इस वक्त दुनियाभर में अपनी सेफ्टी रेटिंग की वजह से चर्चा का विषय बन गई है। इस कार ने हाल ही में हुए लैटिन NCAP के क्रैश टेस्ट में सिर्फ एक स्टार हासिल किया है। हालांकि, भारतीय बाजार में इस गाड़ी की जबरदस्त मांग है। अगले साल अप्रैल से पहले कंपनी इस गाड़ी के डीजल वेरिएंट का उत्पादन बंद करने वाली है। इसके बाद यह कार केवल पेट्रोल इंजन के साथ आएगी।
हुंडई i20
होंडा के साथ-साथ हुंडई मोटर कंपनी भी अपनी चुनिंदा गाड़ियों के डीजल मॉडल का उत्पादन बंद करने वाली है। रिपोर्ट्स की मानें तो कंपनी इस साल के अंत तक अपनी डीजल से चलने वाली हुंडई i20 का उत्पादन बंद कर देगी। अब यह गाड़ी केवल 1.0 लीटर TGDi टर्बो-पेट्रोल इंजन के साथ ही आएगी, जो 118hp की पावर और 172Nm का पीक टॉर्क जनरेट करने में सक्षम है।
क्या है डीजल गाड़ियों को बंद करने की वजह?
बता दें कि 2023 में भारत में रियल ड्राइविंग एमिशन (RDE) स्टैंडर्ड प्रभावी हो जाएंगे। इसके तहत कॉर्पोरेट ऐवरेज फ्यूल इकॉनमी (CAFE-2) मानक भी लागू हो जाएगा। इस नियम के लागू होने के बाद केवल लैब में नहीं बल्कि सड़कों पर भी कंपनियों की गाड़ियों को इन स्टैंडर्ड पर खरा उतरना अनिवार्य होगा। चूंकि डीजल से चलने वाली गाड़ियां अधिक प्रदूषण करती है इसलिए कई कंपनियां धीरे-धीरे इन्हे बंद करने में लगी हुई हैं।