इन फीचर्स की कार में नहीं है कोई खास जरूरत, होगी पैसे की बचत
फीचर्स कम होने के कारण कार का बेस मॉडल कीमत में टॉप वेरिएंट से सस्ता होता है। कंपनियां कई ऐसी फीचर्स भी दे देती हैं, जिनकी कोई खास आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इनके कारण आपका बजट बढ़ जाता है। ऐसे में एक्सेसरीज का चयन करने से पहले आवश्यकता के हिसाब से आंकलन करना जरूरी है। इसके अलावा कुछ लोग आफ्टरमार्केट एक्सेसरीज लगवा कर भी खर्चा बढ़ा लेते हैं। आइये जानते हैं वे फीचर्स, जिनकी गाड़ी में खास जरूरत नहीं है।
जरूरी नहीं है नया सीट कवर लगवाना
अधिकांश गाड़ियां के सीट कवर अच्छी गुणवत्ता के आते हैं, इसलिए फैंसी सीट कवर खरीदने का निर्णय अनावश्यक खर्चा बढ़ाना है। आफ्टरमार्केट एक्सेसरीज में टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम (TPMS) पिछले कुछ सालों से लोकप्रिय हो रहा है, लेकिन कई खराब गुणवत्ता के होने के कारण अक्सर गलत डाटा दिखाते हैं। ऐसे में इसे लगाना जरूरी नहीं है। बड़ी टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम कार में आकर्षक लगती है, लेकिन यह ड्राइवर का ध्यान भटकाती है।
ज्यादा उपयोगी नहीं है DRLs
अधिकांश कारें LED डे-टाइम रनिंग लाइट्स (DRLs) के साथ आती हैं, लेकिन बेस वेरिएंट यह सुविधा नहीं मिलती। ऐसे में कार मालिक बाजार से लगवाते हैं। भारत में DRLs बहुत उपयोगी नहीं है, हालांकि, यह कोहरे में ज्यादा उपयोगी हैं। केबिन में एम्बिएंट लाइटिंग लगवाना आकर्षण बढ़ाता है, लेकिन ज्यादा उपयोग नहीं है। इससे बैटरी पर दबाव बढ़ता है। इसके अलावा IRVM स्क्रीन, स्टीयरिंग स्पिनर्स, स्लिप-ऑन स्टीयरिंग ग्रिप, प्रेशर हार्न और हूटर, स्मोक्ड हेडलाइट्स लगवाना बेवजह खर्चा बढ़ाता है।