वैश्विक बाजार में ग्राहकों को पसंद आ रही भारत में बनी गाड़ियां, 2023 में बढ़ा निर्यात
क्या है खबर?
पिछले कुछ वर्षों में दुनियाभर में भारत में बनी गाड़ियों की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। अपने दमदार लुक और फीचर्स के कारण ये गाड़ियां लोगों को पसंद आ रही हैं।
कार कंपनियां भी वैश्विक बाजार में ग्राहकों को लुभाने के लिए अपनी गाड़ियों में नए-नए फीचर्स की पेशकश कर रही हैं। पिछले साल मारुति सुजुकी, स्कोडा और टोयोटा जैसी कई दिग्गज कार निर्माताओं के निर्यात में बढ़ोतरी हुई हैं।
आइये इस बारे में जानते हैं।
रिपोर्ट
साल 2023 में इतनी गाड़ियां हुई हैं निर्यात
रिसर्च फर्म जाटो डायनॉमिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में भारतीय बाजार से कुल 6,71,384 गाड़ियों का निर्यात हुआ है, जो साल 2022 में बाहर भेजी गई गाड़ियों की तुलना में 4 प्रतिशत अधिक है। इसमें से मारुति ने अकेले 2,71,600 गाड़ियां निर्यात की हैं।
मारुति अपनी गाड़ियों के निर्यात को आने वाले 5 से 7 सालों में तीन गुना तक बढ़ाने की योजना बना रही है। वर्तमान में गाड़ियों के निर्यात में कंपनी की हिसेदारी 40 प्रतिशत है।
जानकारी
फॉक्सवैगन को भी हुआ है फायदा
फॉक्सवैगन ने साल 2023 में 40,920 गाड़ियों का निर्यात किया है। यह आंकड़े 2022 में निर्यात की गई गाड़ियों की तुलना में 29 प्रतिशत अधिक हैं। साल 2024 में यह आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं।
स्कोडा
पिछले साल वैश्विक बाजार में पसंद आई भारत में बनी स्कोडा कार
स्कोडा इंडिया ने भी पिछले साल करीब 1,530 गाड़ियों को निर्यात किया है। यह आंकड़े 2022 में निर्यात की गई गाड़ियों की तुलना में 431 प्रतिशत अधिक है।
स्कोडा-फॉक्सवैगन भारत में बनी अपनी गाड़ियों को पूर्वी एशिया के बाजारों में भी उतारने की तैयारी कर रही हैं। जानकारी के अनुसार, स्कोडा अपनी कुशाक और स्लाविया के पार्ट्स को वियतनाम निर्यात करने की योजना बना रही है ,
फिलहाल कंपनी दक्षिण एशिया, अमेरिका और अफ्रीका में गाड़ियां निर्यात करती है।
टोयोटा
टोयोटा को भी हुआ है जबरदस्त फायदा
साल 2013 में टोयोटा ने 1,600 गाड़ियों को निर्यात किया है, जो 2022 में निर्यात की गई 263 यूनिट्स की तुलना में काफी अधिक है। पिछले साल से कंपनी अपनी अर्बन क्रूजर हाईराइडर SUV को अफ्रीका और पक्षिमी एशिया में निर्यात करना शुरू किया है।
बता दें कि कंपनी गाड़ी के अलावा ई-ड्राइव, इलेक्टिक पावरट्रेन के कलपुर्जे और भारत में बनने वाले कई हाइब्रिड इंजनों के हिस्सों को भी निर्यात करती है।
जानकारी
पीयूष गोयल ने भी कही है निर्यात बढ़ाने की बात
शुक्रवार को भारत मोबिलिटी ग्लोबल एक्सपो 2024 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने ऑटोमोबाइल उद्योग से निर्यात किए जाने वाले वाहनों की हिस्सेदारी 2030 तक 50 प्रतिशत तक बढ़ाने की बात कही थी। वर्तमान में यह हिस्सेदारी 14 प्रतिशत है।
चुनौती
भारत से गाड़ियों के निर्यात में क्या है चुनौती?
वर्तामन में भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां जिन देशों में अपनी गाड़ियां निर्यात करनी हैं वहां चीन, जापान और अमेरिका में बनी गाड़ियों की भी बिक्री होती हैं।
बता दें कि कुछ समय पहले ही जापान को पीछे कर चीन गाड़ियों के निर्यात में सबसे आगे निकल चुका है।
ऐसे में भारतीय कार कंपनियों को चीन में बनें वाली गाड़ियों से मुकाबला करना पड़ रहा है, जिसके लिए मारुति जैसी कई कंपनियां अपनी सस्ती गाड़ियां वैश्विक बाजार में उतार रही हैं।
मारुति
वैश्विक बाजार में इन गाड़ियों की बिक्री करती है मारुति
पिछले साल ही मारुति सुजुकी ने अपनी जिम्नी 5-डोर की लॉन्चिंग भारत से ही की थी।
आपको जानकर हैरानी होगी कि CBU रूट के माध्यम से कंपनी लगभग 100 देशों में अपने 20 से अधिक मॉडलों को निर्यात करती है। इनमें मारुति सुजुकी ग्रैंड विटारा, मारुति सुजुकी स्विफ्ट और जिम्नी जैसे मॉडल शामिल हैं।
कंपनी भारत से सबसे अधिक गाड़ियां अफ्रीका, अमेरिका और एशिया में निर्यात करती है। कंपनी अपनी eVX इलेक्ट्रिक कार को भी निर्यात करेगी।