एयर टैक्सी के लिए भारत में नियामक सैंडबॉक्स बनाने की योजना, जानिए इससे क्या होगा
क्या है खबर?
नागरिक उड्डयन मंत्रालय उन्नत वायु गतिशीलता समाधानों के लिए एक नियामक सैंडबॉक्स की योजना बना रहा है। यह शहरों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए यातायात दबाव कम करने में मदद करेगा।
नागरिक उड्डयन सचिव वुमलुनमंग वुअलनाम ने भी इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि इलेक्ट्रिक एयर मोबिलिटी का समय आ गया है।
उन्होंने एयर मोबिलिटी पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कहा, "उन्नत वायु गतिशीलता को बढ़ावा देने और समर्थन करने के लिए हमारे दरवाजे खुले हैं।"
तैयारी
शुरू हो गई इसकी तैयारी
उन्नत वायु गतिशीलता समाधानों में इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ लैंडिंग (eVTOLs) विमान शामिल हैं। सचिव ने कहा, "हम भारत के भीतर एक नियामक सैंडबॉक्स (बिना नुकसान पहुंचाए परीक्षण का वातावरण) पर विचार कर रहे हैं।"
यह अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों के साथ-साथ समाधान विकसित करने पर काम करने वाली संस्थाओं को मदद करेगा।
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के अधिकारियों ने उन स्थानों का दौरा शुरू कर दिया है, जहां इससे संबंधित परीक्षण और अन्य गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।
समूह
DGCA ने गठित किए 6 समूह
सम्मेलन में DGCA प्रमुख फैज अहमद किदवई ने कहा कि वह यूरोपीय संघ विमानन सुरक्षा एजेंसी (EASA) और फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) के साथ सिंगापुर और दुबई में हवाई क्षेत्र प्रबंधन, इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास और नियामक के संबंध में किए जा रहे काम पर विचार कर रहे हैं।
DGCA ने इसके विभिन्न पहलुओं से संबंधित 6 कार्य समूह स्थापित किए हैं। देश में 2047 तक 350 हवाई अड्डे और 350 करोड़ हवाई यात्री होने का अनुमान लगाया गया है।