मारुति सुजुकी ने वापस बुलाई 17,362 गाड़ियां, लिस्ट में ब्रेजा और ग्रैंड विटारा भी शामिल
क्या है खबर?
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी 17,362 गाड़ियों को रिकॉल किया है। कंपनी ऑल्टो K10, बलेनो, ब्रेजा और ग्रैंड विटारा को वापस बुला रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, इन गाड़ियों के एयरबैग कंट्रोलर यूनिट में खराबी होने की आशंका है। इसे ठीक करने के लिए कंपनी इन्हे वापस बुला रही है।
प्रभावित मॉडलों को 8 दिसंबर, 2022 से लेकर 12 जनवरी 2022 के बीच बनाया गया है।
आइये इस बारे में जानते हैं।
जानकारी
इस वजह से वापस बुलाई जा रही मारुति सुजुकी की गाड़ियां
रिपोर्ट्स की मानें तो पिछले एक महीने में बनी 17,362 मारुति सुजुकी गाड़ियों के सीट एयरबैग कंट्रोलर यूनिट में खराबी होने की आशंका है। इससे एयरबैग जाम हो सकता है, जो यात्रियों की सुरक्षा के लिहाज से ठीक नहीं है।
इसलिए कंपनी अपनी गाड़ियों के लिए रिकॉल जारी किया है। ग्राहक अपने नजदीकी डीलरशिप से वाहन की जांच करवा सकते हैं और सीट बेल्ट यूनिट खराब होने के स्थिति में मुफ्त में इसे बदलवा भी सकते हैं।
रिकॉल
इसी समस्या के कारण रिकॉल हुई थी डिजायर
मारुति सुजुकी ने हाल में ही डिजायर सेडान कार के टूर-S CNG वेरिएंट को भी वापस बुलाया था। उस दौरान कंपनी ने इस कार की 166 यूनिट्स को वापस बुलाया था।
कंपनी ने 6 अगस्त 2022 से लेकर 16 अगस्त 2022 तक निर्मित 166 डिजायर टूर-S सेडान के एयरबैग कंट्रोल यूनिट में खराबी पाई गई थी। इस वजह से मारुति सुजुकी ने इन्हे वापस बुलाकर मुफ्त में खराब एयरबैग कंट्रोल यूनिट को बदला था।
पॉलिसी
2021 में में रिकॉल पॉलिसी को किया गया था अनिवार्य
बता दें कि साल 2021 में परिवहन मंत्रालय ने मोटर वाहन एक्ट (1988) में संशोधन कर वाहन कंपनियों के लिए रिकॉल पॉलिसी को अनिवार्य बना दिया था, जिसे 1 अप्रैल, 2021 से लागू कर दिया गया था।
इसके अनुसार वाहन में गड़बड़ी पाए जाने पर निर्माताओं को अनिवार्य रूप से वाहन रिकॉल जारी करना होगा।
अगर कोई कंपनी रिकॉल करने से मना करती है तो उस पर 10 लाख से लेकर एक करोड़ रुपये का जुर्माना लग सकता है।
न्यूजबाइट्स प्लस
इससे पहले क्या थे नियम
इस नियम से पहले भारत में जितनी भी ऑटोमोबाइल कंपनियां हैं वो खुद ही इस बात का फैसला करती थी कि किसी वाहन में खराबी है या नहीं और गड़बड़ी पाए जाने पर गाड़ियों को रिकॉल करती थी और उन्हें ठीक कर ग्राहक को वापस करती थी।
हालांकि, ग्राहकों द्वारा अक्सर शिकायत रहती थी कि रिकॉल के बाद भी उनकी गाड़ियां ठीक नहीं हुईं। ऐसे में ग्राहकों को आए दिन खराब वाहन से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था।