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तीन यूनिट्स में बंट सकता है महिंद्रा समूह का ऑटोमोबाइल कारोबार
तीन इकाईयों में बंट सकता है महिंद्रा समूह का व्यवसाय

तीन यूनिट्स में बंट सकता है महिंद्रा समूह का ऑटोमोबाइल कारोबार

May 07, 2022
08:00 am

क्या है खबर?

महिंद्रा समूह ने अपने प्रमुख ऑटोमोबाइल व्यवसाय को तीन भागों में बांटने के लिए एक पुनर्गठन प्रक्रिया शुरू की है। ऑटोमोबाइल के व्यवसाय से महिंद्रा समूह को राजस्व में 55 प्रतिशत का योगदान मिलता है। जानकारी के अनुसार इस पुनर्गठन से इलेक्ट्रिक वाहन (EV), ट्रैक्टर और यात्री वाहन (PV) कारोबार को तीन स्वतंत्र कंपनियों में अलग किया जा सकता है। वर्तमान में इन्हें महिंद्रा एंड महिंद्रा के तहत अलग-अलग डिवीजनों के रूप में रखा गया है।

योजना

EV और SUV व्यवसाय होगे अलग

एक्सपर्ट्स का कहना कि महिंद्रा अपने EV व्यवसाय और पुणे स्थित अपनी यूनिट को साथ इटली की ऑटोमोबाइल डिजाइनर हाउस पिनिनफेरिना (Pininfarina) के साथ जोड़ेगी। इनकी साझेदारी में एक अलग कंपनी बनाई जाएगी। महिंद्रा समूह EV के लिए धन जुटाने पर भी विचार कर रहा है। एक नई फर्म महिंद्रा अपनी पेट्रोल और डीजल पर चल रहीं गाड़ियों के लिए बनाएगी। जो स्कॉर्पियो, XUV रेंज और थार जैसी गाड़ियों के साथ सभी तरह के पैसेंजर व्हीकल व्यवसाय को देखेगी।

योजना

कृषि उपकरण के लिए अलग इकाई

कृषि उपकरण और ट्रैक्टर बनाने के लिए भी एक अलग से इकाई बनने की संभावना है। 2007 में महिंद्रा द्वारा पंजाब ट्रैक्टर्स का अधिग्रहण करने के बाद से इस डिवीजन की बाजार में हिस्सेदारी बढ़कर 43 प्रतिशत हो गई है। इस इकाई ने महिंद्रा को भारत में सबसे बड़ा ट्रैक्टर निर्माता बनाया है। महिंद्रा के ऑटोमोबाइल कारोबार में यह सबसे अधिक लाभदायक है इकाई। रिपोर्ट्स का दावा है कि पुनर्गठन प्रक्रिया अभी अपने शुरुआती चरण में है।

निवेश प्लान

टाटा समूह की तर्ज पर बड़े निवेशकों खोज

महिंद्रा समूह के करीबी लोगों का कहना है की इस डीमर्जर का मुख्य कारण प्रत्येक व्यवसाय में कारेबार को अधिक-से-अधिक बढ़ावा देना है। इस योजना में कम से कम दो वैश्विक परामर्शदाता और निवेश फर्म जुड़ी हुई हैं। व्यवसायों को तीन भागों में विभाजित करना महत्वपूर्ण होगा, विशेष रूप से EV इकाई के लिए। महिंद्रा समूह भी टाटा समूह की तरह ही एक की खोज कर रहे हैं, जिसने टीपीजी कैपिटल जैसे बड़े निवेशकों के एक समूह को जुटाया है।

जानकारी

न्यूजबाइट प्लस

महिंद्रा ने 2015 में पिनिनफेरिना का अधिग्रहण किया था, जिससे समूह में डिजाइन और इंजीनियरिंग वैश्विक स्तर पर आए। मौजूदा खबरों के अनुसार पिनिनफेरिना के EV परियोजना का हिस्सा होने की संभावना है। हालांकि कंपनी ने बाजार की अटकलों पर टिप्पणी नहीं की है।