भारत NCAP को मारुति, महिंद्रा और टोयोटा का समर्थन, पहल को बताया सही कदम
देश में गाड़ियों की सुरक्षा की जांच के लिए सरकार 1 अक्टूबर को भारत न्यू कार असिस्टेंस प्रोग्राम (NCAP) लॉन्च करने वाली है। इसके तहत अब वाहनों का क्रैश टेस्ट भारत में ही किया जा सकेगा। महिंद्रा एंड महिंद्रा, मारुति सुजुकी और टोयोटा सहित देश की कई प्रमुख वाहन कंपनियों केंद्र सरकार के भारत NCAP प्रोग्राम को घरेलू उद्योग के लिए सही दिशा में उठाया गया अच्छा कदम करार दिया है। आइये इसके बारे में जानते हैं।
क्या होती है NCAP रेटिंग?
कम वाहन सुरक्षा मानकों वाली कारों से सड़क दुर्घटना का ज्यादा खतरा बना रहता है, इसलिए सभी नई कारों को सुरक्षा के न्यूनतम मानक को पूरा करना होता है। इसके लिए न्यू कार असिस्टेंस प्रोग्राम (NCAP) स्थापित किए गए हैं ताकि संबंधित अधिकारियों द्वारा देखा जा सके कि ये कारें दुनियाभर में अप्रूव्ड सेफ्टी स्टैंडर्ड टेस्ट में पास कर पाती हैं या नहीं। इसमें ग्लोबल NCAP, यूरो NCAP और एशियाई NCAP जैसी कई टेस्ट एजेंसियां शामिल हैं।
क्या है भारत NCAP क्रैश टेस्ट?
गाड़ियों की सुरक्षा की जांच के लिए कंपनियां क्रैश टेस्ट रेंटिंग का सहारा लेती हैं। इस वजह से पिछले साल केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में वाहनों के लिए नई स्टार रेटिंग प्रणाली की घोषणा की थी। यह ग्लोबल NCAP और यूरोपियन NCAP की तर्ज पर होगा और इसे 'भारत NCAP' कहा जाएगा। इसके तहत भारत में गाड़ियां बनाने और दूसरे देशों से गाड़ियां आयात करने वाली कंपनियों को स्वेच्छा से वाहनों का क्रेश टेस्ट करवाना होगा।
भारत NCAP से मिलेगा सुरक्षित कारों के उत्पादन में प्रोत्साहन
PTI की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत सरकार की इस पहल का स्वागत करते हुए वाहन निर्माताओं ने कहा कि इससे देश में अधिक सुरक्षित कारों के उत्पादन में प्रोत्साहन मिलेगा। बता दें कि भारत NCAP के तहत वाहन कंपनियों को सरकारी एजेंसी आवेदन करना होगा। यह एजेंसी ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (AIS)-197 के तहत वाहनों को स्टार रेटिंग देगी। महिंद्रा, टोयोटा और मारुति सुजुकी के अलावा टाटा, स्कोडा और किआ मोटर्स ने भी भारत NCAP का समर्थन किया है।
महिंद्रा और मारुति ने इस बारे में क्या कहा?
इस बारे में बात करते हुए महिंद्रा एंड महिंद्रा के अध्यक्ष वेलुसामी आर ने कहा, "महिंद्रा में हमारा मानना है कि यह सड़क परिवहन मंत्रालय के ठोस कदमों में से है। हम भारत NCAP का स्वागत करते हैं। इससे भारतीय ग्राहकों के लिए सुरक्षित मॉडलों के निर्माण को लेकर कंपनियों में स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।" वहीं मारुति सुजुकी इंडिया के कार्यकारी अधिकारी राहुल भारती ने कहा कि कंपनी इस पहल का समर्थन करती है।
सेफ्टी रेटिंग पाने के लिए इन फीचर्स का होना है जरूरी
बता दें की नई कार सुरक्षा रेटिंग के तहत 8 यात्रियों तक ले जाने वाले सभी नए वाहनों के लिए कम से कम 8 एयरबैग होना अनिवार्य कर दिया जाएगा। इनमें तीनों पंक्तियों में यात्रियों के लिए साइड कर्टेन एयरबैग के साथ फ्रंट दो एयरबैग शामिल होंगे। वहीं हर सेगमेंट की गाड़ियों में 6 एयरबैग जोड़ना जरूरी होगा। अन्य सुरक्षा सुविधाओं में नए यात्री वाहनों के लिए थ्री प्वाइंट सीट बेल्ट और ऑटोमैटिक इमरजेंसी ब्रेकिंग सिस्टम (AEBS) शामिल होंगे।
2025 तक सड़क दुर्घटना को कम करना है लक्ष्य
देशभर में हर साल करीब पांच लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं, जिसमें से करीब 1.5 लाख लोगों की मौत हो जाती है। इससे देश के GDP में 3.1 प्रतिशत का नुकसान होता है। इसलिए सरकार साल 2025 तक सड़क दुर्घटनाओं की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य रखती है। गौरतलब है कि भारतीय सड़कों की स्थिति भी इन दुर्घटनाओं का कारण बनती ह। कई विशेषज्ञ इनमें सुधार की जरूरत बता चुके हैं।