
ग्लोबल NCAP भारत में कर सकती है कार क्रैश टेस्ट, 2023 से शुरू होने की उम्मीद
क्या है खबर?
ग्लोबल न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम (GNCAP) जल्द ही भारत में कारों की क्रैश टेस्टिंग शुरू कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एजेंसी का कहना है कि अगर सब कुछ योजना के अनुसार हुआ, तो 2023 के अंत तक भारत में कारों का क्रैश टेस्ट शुरू कर दिया जाएगा।
गौरतलब है कि वर्तमान में कारों को जर्मनी के म्यूनिख में स्थित ADAC के तकनीकी केंद्र में क्रैश टेस्ट कराया जाता है।
बयान
भारत सरकार से मिला समर्थन- NCAP कार्यकारी अध्यक्ष
ऑटोकार इंडिया से बात करते हुए ग्लोबल NCAP के कार्यकारी अध्यक्ष डेविड वार्ड ने कहा, "हमें विशेष रूप से सड़क यातायात शिक्षा संस्थान में हमारे साथी डॉ रोहित बलूजा और रेगुलेशन के मामले में भारत सरकार से जबरदस्त समर्थन मिला है। परिवहन मंत्री ने अतिरिक्त सुरक्षा का जिम्मा खुद अपने ऊपर ले लिया है। इसकी लॉन्चिंग के समय ज्यादातर लोगों ने इसे कभी सफल नहीं होने की बात कही थी, लेकिन हम प्रगति को देखकर बहुत खुश हैं। "
उपलब्धि
खराब रेटिंग वाली कारों में आई है गिरावट
वार्ड ने कहा, "इस टेस्ट प्रोग्राम से जीरो स्टार रेटेड कारों की संख्या में भारी गिरावट आई है। हमने शुरुआत में सोचा था कि यहां विदेशी ब्रांड हावी होंगे, लेकिन यह देखना अच्छा है कि भारतीय ब्रांड इस ओर आगे बढ़े हैं और सुरक्षित कारों की दिशा में काम कर रहे हैं। हमारा इरादा हमेशा भारत में सुरक्षित कारों के लिए एक महत्वपूर्ण NCAP बनना था और हम इसे इतने लंबे समय तक जारी रखने का इरादा नहीं रखते थे।"
जानकारी
50 कारों का सेफ्टी टेस्ट कर चुकी है GNCAP
GNCAP को भारत में 2014 में शुरू किया गया था और अब तक इसने कुल 50 कारों को टेस्ट किया है।
यह बात दिलचस्प है कि भारत में बनी कुल 50 कारों में से केवल 19 कारों को इस क्रैश टेस्ट के लिए खुद से जमा किया गया था। बाकी कारों को एजेंसी द्वारा खरीदा गया और फिर जर्मनी भेजा गया।
GNCAP के मुताबिक इसके लिए उसने 3.2 मिलियन यूरो (लगभग 27 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं।
भारत NCAP
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत बहुत जल्द कारों की सेफ्टी फीचर्स को रेट करने के लिए कुछ की NCAP रेटिंग ला सकती है।
हाल ही में केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने भारत में वाहनों के लिए एक नई स्टार रेटिंग प्रणाली की घोषणा की है। यह ग्लोबल NCAP और यूरोपियन NCAP की तर्ज पर होगा और इसे 'भारत NCAP' कहा जाएगा।
इसमें आठ यात्रियों तक ले जाने वाले सभी नए वाहनों के लिए कम से कम छह एयरबैग होना अनिवार्य कर दिया जाएगा।