कम रियायत के बावजूद इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने में दूसरे पायदान पर पहुंचा केरल
केरल इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने के मामले में देश में दिल्ली के बाद दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। प्रदेश में नए वाहनों के पंजीकरण में 10 फीसदी से ज्यादा EVs शामिल हैं। इस साल 15 अगस्त तक राज्य में 4.57 लाख वाहन पंजीकृत हुए, जिनमें 47,329 EVs हैं, जबकि दिल्ली 11.3 प्रतिशत EV पंजीकरण के साथ शीर्ष पर है। इस साल सबसे ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहन पंजीकरण के मामले में केरल शीर्ष-10 राज्यों में सातवें स्थान पर है।
केरल में दूसरे राज्यों से कम मिल रही रियायत
केरल पहली बार आगामी महीनों में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में 50,000 का आंकड़ा पार करने की तैयारी में है। पिछले साल राज्य में कुल 39,622 EV की बिक्री हुई थी। अधिकांश राज्यों की तुलना में कम रियायत के बावजूद प्रदेश ने यह उपलब्धि हासिल की है। यहां 5 साल के लिए हाइब्रिड और EV के लिए रोड टैक्स में 50 प्रतिशत की छूट है, जबकि अन्य कई राज्यों में 100 प्रतिशत छूट के साथ सब्सिडी भी मिलती है।
अब तक के EV पंजीकरण में उत्तर प्रदेश सबसे आगे
इस साल अब तक इलेक्ट्रिक वाहनों के पंजीकरण में उत्तर प्रदेश 1.53 लाख के आंकड़े के साथ सबसे आगे है। इसके बाद अगले पायदान पर महाराष्ट्र का नंबर आता है, जहां अगस्त तक 1.14 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। तीसरे नंबर पर आने वाले कर्नाटक ने 92,831 इलेक्ट्रिक वाहनों का पंजीकरण किया है। इसी प्रकार, तमिलनाडु (58,024), गुजरात (55,976) और राजस्थान (54,088) क्रमश: चौथे, पांचवें और छठे स्थान पर हैं।