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अच्छे हेलमेट का चुनाव करने में आपकी मदद करेंगी ये टिप्स
हेलमेट खरीदने के लिए जरूरी टिप्स

अच्छे हेलमेट का चुनाव करने में आपकी मदद करेंगी ये टिप्स

Jan 20, 2022
09:30 pm

क्या है खबर?

बाइक चलाते समय हेलमेट हमारी सुरक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीजों में से होता है। अच्छी गुणवत्ता वाला हेलमेट दुर्घटना के समय हमारी जान बचा सकता है। पर ऐसा कई बार होता है कि जब हम इसे खरीदने जाते हैं तब हमे पता नहीं होता कि कौन सा हेलमेट हमारे लिए सही रहेगा। इसलिए आज हम हेलमेट से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों को बताने जा रहे हैं जिसे ध्यान में रखने से आप सही हेलमेट का चुनाव कर सकते है।

टिप #1

राइडिंग के हिसाब से चुने हेलमेट

हेलमेट का चुनाव बहुत हद तक आपकी राइडिंग पर निर्भर करता है। अगर आप सामान्य स्पीड से बाइक चलाते हैं तो हाफ फेस हेलमेट या मॉड्यूलर हेलमेट से आपका काम बन जाएगा, लेकिन अगर आपके पास स्पोर्टी बाइक है या आप तेज रफ्तार से बाइक चलना पसंद करते हैं तो फुल फेस हेलमेट आपको पूरी सुरक्षा देगा। रेस हेलमेट के अलावा, एडवेंचर मोटरसाइकलिस्टों के लिए ADV हेलमेट, खुले चेहरे वाले हेलमेट और मोटोक्रॉस हेलमेट का विकल्प भी हैं।

टिप #2

सेफ्टी रेटिंग को कभी न करें अनदेखा

हेलमेट खरीदते समय इसकी सेफ्टी रेटिंग का खास ध्यान रखें। सेफ्टी रेटिंग वाला हेलमेट कई सुरक्षा स्तरों पर जांच होने के बाद तैयार होता है। यह आम हेलमेट की तुलना में थोड़े महंगे हो सकते हैं, लेकिन जरूरत के समय अपको पूरा कवरेज देते हैं। भारत में हेलमेट के लिए ISI मानक है। इसके अलावा स्नेल मेमोरियल फाउंडेशन (SNELL), एकोनॉमिक कमिशन ऑफ यूरोप (ECE), सेफ्टी हेलमेट असेसमेंट एंड रेटिंग प्रोग्राम (SHARP) और परिवहन विभाग (DOT) के सुरक्षा मानक भी हैं।

टिप #3

DOT रेटिंग है ज्यादा सुरक्षित

DTO भारतीय ISI चिह्न की तुलना में कहीं अधिक उच्च सुरक्षा रेटिंग प्रणाली है। अक्सर 650cc और उससे अधिक पावर वाली बाइक्स पर इनका प्रयोग किया जाता है। इस तरह के हेलमेट को बाइक रेसर रेसिंग ट्रैक पर इस्तेमाल करना पसंद करते हैं। ये हेलमेट विशेष रूप से अधिक स्पीड पर हवा के दबाव से बचने के लिए डिजाइन किए गए हैं और DOT रेटिंग द्वारा प्रमाणित होते है।

टिप #4

डबल-डी लॉक हैं जरूरी

आप जब भी हेलमेट लें ये सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुने गए हेलमेट में डबल-डी लॉक हो। डबल-डी लॉक वाले हेलमेट फास्टनर के एक तरफ दो धातु डी-रिंग से जुड़ा होता है। हेलमेट पहनने पर यह रिंग के चारों ओर एक तंग गांठ बनाता है, जिससे झटका पड़ने पर यह आसानी से नहीं खुलता। इस तरह दुर्घटना के दौरान यह चालक के सिर से नहीं निकलता है और गंभीर चोट से बचाता है।