होंडा की कारें होंगी लेटेस्ट फीचर्स से लैस, मिलेंगी गूगल की कनेक्टेड सर्विस
क्या है खबर?
वाहन निर्माता कंपनी होंडा और टेक्नोलॉजी की दिग्गज कंपनी गूगल ने ऑटोमोबाइल सेक्टर को नेक्स्ट लेवल पर ले जाने के लिए हाथ मिलाया है।
समझौते के तहत दोनों कंपनियां गूगल की इन-व्हीकल कनेक्टेड सर्विस को होंडा के नए मॉडलों में जोड़ने के लिए सहमत हुई हैं।
नए फीचर से लैस मॉडलों को पहले उत्तरी अमेरिका में 2022 के मध्य तक और इसके बाद बाकी के मॉडल्स को दुनियाभर में पेश किया जाएगा।
आइये जानते हैं इसमें कौन-कौन से फीचर्स मिलेंगे।
फीचर #1
वॉयस असिस्टेंट
गूगल की इन-व्हीकल कनेक्टेड सर्विस के द्वारा कार में लगा ऑन-बोर्ड डिस्प्ले ऑडियो गूगल असिस्टेंट का उपयोग करता है, जो ड्राइवर को ड्राइविंग के दौरान स्टीयरिंग व्हील पर हाथ रखते हुए वॉयस कमांड के माध्यम से विभिन्न कार्यों तक पहुंचने में सक्षम बनाता है।
यह फंक्शन ड्राइवर को मीडिया को कंट्रोल करने, मैसेज भेजने, दिशा-निर्देश प्राप्त करने और कनेक्टेड स्मार्टफोन फीचर्स का इस्तेमाल करने की अनुमति देता है।
फीचर #2
नेविगेशन
होंडा की नई गाड़ियों में गूगल मैप को शामिल किया जाएगा जो घर नेविगेट करने की सुविधा और वहां तक पहुंचने में लगने वाले समय की जानकारी देगा।
इसके अलावा गूगल मैप की मदद से नजदीक के गैस स्टेशन या EV चार्जिंग स्टेशन पता लगाया जा सकता है और नजदीकी स्टोर के खुलने और बंद होने के समय भी हासिल किया जा सकता है।
ड्राइवर गाड़ी चलाते समय काम आसान करने के लिए गूगल से बात भी कर सकता है।
फीचर्स #3
इन-व्हीकल ऐप
नए फीचर्स के तहत गूगल प्ले अपने ऐप्स के एक बहुत बड़े रेंज तक पहुंच प्रदान कराता है।
ग्राहक अपने स्मार्टफोन का उपयोग किए बिना सीधे अपनी गाड़ी से संगीत, पॉडकास्ट और ऑडियोबुक सुनने की सुविधा का आनंद ले सकेंगे।
2022 की दूसरी छमाही से होंडा गूगल बिल्ट-इन को अपने नए मॉडल के साथ जोड़ना शुरू कर देगी, जो उत्तरी अमेरिका में बिक्री के लिए सबसे पहले जाने की उम्मीद है।
जानकारी
2015 से साथ हैं होंडा और गूगल
होंडा और गूगल 2015 से ऑटोमोटिव उद्योग के साथ सहयोग कर रहे हैं ताकि एंड्रॉयड को ऑटोमोबाइल में पेश किया जा सके।
2015 में ही गूगल ने ऑटोमोबाइल के लिए एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पेश किया था, जिसके तहत होंडा एकॉर्ड 2016 में एंड्रॉयड ऑटो के साथ पेश होने वाला पहला मॉडल था।
एंड्रॉयड ऑटो ड्राइवरों के लिए स्मार्टफोन के कार्यों को आसान करता है और वाहनों को बेहतर UX (यूजर एक्सपीरियंस) प्रदान करने की अनुमति देता है।