EV बैटरी के लिए एक और PLI योजना लाएगी सरकार, केंद्रीय मंत्री ने दी जानकारी
पेट्रोल और डीजल की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की लोकप्रियता काफी तेजी से बढ़ रही है। सरकार भी देश में EV को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने और इलेक्ट्रिक पार्ट्स बनाने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन देने में जुटी हुई है। इलेक्ट्रिक गाड़ियों में इस्तेमाल होने वाले बैटरी के निर्माण के लिए अब सरकार एक नई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना लाने वाली है।
PLI योजना क्या है?
देश में घरेलू उत्पादन को बढ़ाने और आयात कम करने के लिए मार्च, 2020 में केंद्र सरकार ने PLI योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत सरकार कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट की बिक्री करने पर इंसेंटिव देती है। इस योजना का उद्देश्य भारतीय कंपनियों को देश में अपना उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही यह विदेशी कंपनियों को भारत में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित करती है।
PLI योजना के तहत इलेक्ट्रिक सेगमेंट की है सबसे अधिक मांग
इसी साल संसद में पेश की गई आर्थिक सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार, PLI योजना के तहत इलेक्ट्रिक सेगमेंट की मांग सबसे ज्यादा है। इसका निर्यात 55.1 प्रतिशत की दर से प्रति वर्ष बढ़ रहा है। इसमें इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमोबाइल सेक्टर भी शामिल हैं।
केंद्रीय मंत्री ने दी यह जानकारी
इस बारे में बात करते हुए केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने सोमवार को कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने और लागत कम करने के लिए EV बैटरी के लिए एक और PLI योजना लाएगी। OMI फाउंडेशन के इलेक्ट्रिक वाहन रेडी इंडिया डैशबोर्ड पर बोलते हुए सिंह ने कहा, "हम बैटरी की उत्पादन मात्रा बढ़ाने के लिए एक और PLI योजना लेकर आ रहे हैं।"
बैटरी का उत्पादन बढ़ाने पर रहेगा जोर
सिंह का मानना है कि यदि बैटरी का उत्पादन बढ़ाया जाए तो इससे इनकी लगात कम हो जाएगी और ऐसे में इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों में भी गिरावट आएगी। यही वजह है कि सरकार अब EV बैटरी के निर्माण पर जोर दे रही है। बता दें, ज्यादातर कंपनियों इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बैटरी को विदेशों से आयात करती हैं, जिससे इनकी लागत बढ़ जाती है। ऐसे में अगर इन बैटरियों को देश में बनाया जाए तो इससे EVs सस्ते हो जायेंगे।
PLI योजना के तहत बनाई जाएंगी ACC बैटरी
केंद्र सरकार ने PLI योजना के तहत ACC बैटरी के निर्माण के लिए मई, 2021 में 18,100 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी, जिसका उद्देश्य लगभग 45,000 करोड़ रुपये के विदेशी और घरेलू निवेश को आकर्षित करना था। नए योजना का लक्ष्य देश में 50GW बैटरी स्टोरेज का मैन्युफैक्चरिंग करना होगा। नए PLI योजना के तहर ACC बैटरी के निर्माण पर अधिक जोर रहेगा। ये एडवांस स्टोरेज तकनीक से लैस होती है और अधिक ऊर्जा स्टोर कर सकती हैं।
अन्य बैटरी तकनीक की तरफ भी रुख करेगी सरकार
वर्तमान में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लिथियम-आयन बैटरी का इस्तेमाल होता है, जिसे अन्य देश से आयात किया जाता है। भारत में जम्मू में कुछ लिथियम प्लाट हैं, लेकिन ये देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों की जरूरत को पूरा करने के लिए काफी नहीं हैं। ऐसे में सरकार सोडियम-आधारित बैटरी लाने की योजना पर भी काम कर रही है। इसके अलावा सरकार देश में बिजली ऊर्जा को भी बढाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है।