सड़कों पर साइन बोर्ड के लिए नई गाइडलाइंस हुईं जारी, जानिए क्या होंगे बदलाव
क्या है खबर?
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर साइन बोर्ड के लिए नई गाइडलाइंस जारी की हैं।
MoRTH मंत्री नितिन गडकरी ने नई गाइडलाइंस को मंजूरी दे दी है। इसमें मुख्य रूप से दृश्यता बेहतर करने और चालकों को दिशा-निर्देश देने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपायों एवं वैश्विक मानदंडों को अपनाने पर जोर दिया गया है।
आइये इस बारे में जानते हैं।
जरूरत
क्यों जरूरी होते हैं ये साइन बोर्ड?
सड़कों के किनारों पर लगे ये साइन बोर्ड हमें सिर्फ सड़क हादसों से नहीं बचाते हैं, बल्कि यह एक निश्चित स्थान तक पहुंचने के लिए शेष दूरी, सार्वजनिक सुविधा आउटलेट, अस्पतालों और रेस्तरां के बारे में भी सूचित करते हैं।
इसके साथ ही कॉलेजों और स्कूलों जैसे क्षेत्रों के निकट खतरों के बारे में सावधान करने और वैकल्पिक मार्गों के बारे में यात्रियों को सूचित करने जैसे कामों के लिए भी साइन बोर्ड बहुत मददगार साबित होते हैं।
#1
स्पीड लिमिट और साइनबोर्ड की बेहतर विजिबिलिटी
स्पीड लिमिट साइन बोर्ड: नई गाइडलाइंस के तहत अब स्पीड लिमिट साइन बोर्ड को हर 5 किलोमीटर की दूरी पर सड़क के किनारों और बीच में बारी-बारी से दोहराया जाना चाहिए।
साइन बोर्ड के लिए बेहतर विजिबिलिटी: गाइडलाइंस में चालकों को जल्दी से समझ में आने के लिए उचित ऊंचाई/दूरी पर रखकर, बड़े अक्षरों और छोटी कहावतों के जरिए सड़क पर लगने वाले साइन बोर्ड पर बेहतर दृश्यता को प्राथमिकता देने की बात भी कही गई है।
#2
क्षेत्रीय भाषाएं और चित्रों का प्रयोग
चित्रों का प्रयोग: आवश्यक संदेशों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने के लिए लिखित साइन बोर्ड के साथ अब चित्रों का प्रयोग भी किया जाएगा, जो कम पढ़े लिखे लोगों को भी आसानी से समझ आ सकें।
क्षेत्रीय भाषाएं: इसके अलावा सड़कों पर लगाए जाने वाले साइन बोर्ड के लिए क्षेत्रीय भाषाओं का प्रयोग किया जाना चाहिए, जिसमें अंग्रेजी और क्षेत्रीय भाषाएं शामिल होंगी। इससे साइन बोर्ड को पढ़ने में आसानी होगी।
#3
लेन संबंधी नियम
लेन संबंधी अनुशासन: चालकों को स्पष्ट जानकारी देकर बेहतर अनुशासन को बढ़ावा देने और सड़क पर सही लेन में ड्राइविंग करने पर भी विशेष ध्यान दिया गया है।
नियम: शुरूआती चरण में इन सभी गाइडलाइंस को नए राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर लागू किया जाएगा। इसके अलावा 20,000 से अधिक पैसेंजर कार यूनिट्स (PCU) के साथ यातायात वाले राजमार्गों पर भी इन निर्देशों को लागू करने को प्राथमिकता दी जाएगी।
न्यूजबाइट्स प्लस
सड़क हादसों में हर साल जाती हैं लाखों जानें
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों की मानें तो साल 2022 में कुल 4,12,432 सड़क हादसे हुए, जिनमें 1,52,972 लोगों की जान गई और 3,44,448 लोग घायल हुए थे। हेलमेट न पहनने से 93,763 और सीट बेल्ट न लगाने से 39,231 लोगों को चोटें आईं।
इससे साल 2021 के दौरान हुईं सड़क दुर्घटनाओं में हेलमेट न पहनने की वजह से 46,593 लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी। इनमें 32,877 चालक थे, जबकि 13,716 सहयात्री थे।