2029 तक इलेक्ट्रिक और पेट्रोल-डीजल कारों की कीमत हो जाएगी बराबर, अध्ययन में दावा
क्या है खबर?
इलेक्ट्रिक कार और आंतरिक दहन इंजन (ICE) मॉडल यानी तेल से चलने वाली गाड़ियों की कीमतों में अंतर खरीदारों के निर्णय लेने में एक प्रमुख कारण सामने आ रहा है।
ICE कारों की तुलना में अधिक कीमत ग्राहकों के EV अपनाने में बड़ी बाधा के रूप में खड़ी हुई है।
हालांकि, इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (ICCT) ने दावा किया है कि इस दशक के अंत तक EV की कीमत पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों के समान हो जाएगी।
कच्चा माल
धीरे-धीरे घट रही कच्चे माल की कीमत
इलेक्ट्रिक वाहन और ICE मॉडल की कीमत के बीच भारी अंतर के पीछे एक प्रमुख कारण बैटरी और उन्हें बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कच्चे माल की ऊंची कीमत है।
हालांकि, इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती पैठ और दुनियाभर की सरकारों द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी और प्रोत्साहन के कारण बैटरी पैक की लागत धीरे-धीरे कम हो रही है।
अध्ययन के मुताबिक, इससे 2029 तक EV और ICE वाहनों की कीमतों में समानता आने की उम्मीद है।
अनुमान
इतनी घट सकती है कच्चे माल की कीमत
इलेक्ट्रिक वाहन मुख्य रूप से लिथियम-आयन बैटरी पैक पर चलते हैं, जिनके निर्माण में लिथियम, निकल, मैंगनीज और ग्रेफाइट जैसे कच्चे माल की आवश्यकता होती है। पिछले कुछ सालों में लिथियम की मांग बढ़ने से इसकी कीमतें भी आसमान पर पहुंच गई है।
ICCT का अनुमान है कि बैटरी पैक की लागत 2023 में 122 डॉलर (करीब 10,113 रुपये) से घटकर 2027 में लगभग 91 डॉलर (7,543) और 2032 में 67(करीब 5,553 रुपये) प्रति kWh होने की उम्मीद है।