वैज्ञानिकों ने बनाई दुनिया की सबसे छोटी बैटरी, नमक के दाने जितना है आकार
क्या है खबर?
बैटरी टेक से जुड़े इनोवेशंस लगातार किए जा रहे हैं और अब जर्मनी की केननित्ज यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के रिसर्चर्स ने दुनिया की सबसे छोटी बैटरी तैयार की है।
वैज्ञानिकों ने इसका एक ऐप्लिकेशन-आधारित प्रोटोटाइप पेश किया है और यह 'सब-स्क्वेयर-मिलीमीटर स्केल में एनर्जी स्टोरेज परफॉर्मेंस' को दिखाता है।
बैटरी का आकार नमक के एक दाने जितना है और वह दुनिया के सबसे छोटे कंप्यूटर चिप को करीब 10 घंटे तक पावर दे सकती है।
बैटरी
माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में होगा इस्तेमाल
सबसे छोटी बैटरी को स्मार्ट डस्ट ऐप्लिकेशंस के लिए बनाया गया है, जो माइक्रो-इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज से जुड़े होते हैं।
बायोकंपैटिबल सेंसर सिस्टम्स भी ऐसे डिवाइसेज में शामिल हैं।
अब तक उपलब्ध माइक्रो-बैटरी सॉल्यूशंस के साथ पर्यावरण को नुकसान से बचाने के चलते कई सीमाएं हैं, वे बहुत कम पावर देते हैं या फिर जरूरत के मुताबिक छोटे नहीं हैं।
नया बैटरी सॉल्यूशन इस सभी परेशानियों को दूर कर देता है।
तरीका
ऐसे तैयार की दुनिया की सबसे छोटी बैटरी
सबसे छोटी बैटरी बनाने के लिए रिसर्चर्स की टीम ने वही प्रक्रिया अपनाई, जिस तरह टेस्ला अपनी इलेक्ट्रिक कारों के लिए बड़े स्तर पर बैटरीज मैन्युफैक्चर करती है।
मौजूदा चिप मैन्युफैक्चरिंग टेक्नोलॉजी के साथ कंपैटिबल प्रोडक्ट बनाने के लिए उन्होंने 'स्विस-रोल' या फिर 'माइक्रो ओरिगैमी' तरीका अपनाया।
इस तरह बनाई गई बैटरी बेहद छोटे डिवाइसेज को हाई-आउटपुट दे सकती है। बता दें, ऐसे डिवाइस ज्यादा पावर भी इस्तेमाल नहीं करते।
जानकारी
बनाया जा सकता है चिप का हिस्सा
रिसर्चर्स ने जो बैटरी तैयार की है, उसका आकार एक वर्ग-मिलीमीटर से कम है। वहीं, इसमें कम से कम 100 माइक्रोवॉट आवर्स की एनर्जी डेंसिटी प्रति वर्ग-सेंटीमीटर में मौजूद होगी। इतनी ऊर्जा के साथ भी इसे किसी चिप में इंटीग्रेट किया जा सकता है।
संभावनाएं
इन डिवाइसेज का हिस्सा बन सकती है माइक्रो-बैटरी
नई बैटरी टेक्नोलॉजी जाहिर तौर पर स्मार्टफोन्स को ध्यान में रखते हुए नहीं बनाई गई है।
यानी कि किसी स्मार्टफोन में ऐसी बैटरी मिलनी की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए।
रिसर्चर्स को उम्मीद है कि इसका इस्तेमाल इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), छोटे मेडिकल इंप्लांट्स, माइक्रो-रोबोटिक सिस्टम्स और अल्ट्रा-फ्लेक्सिबल इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे क्षेत्रों में मिलने वाले माइक्रो और नैनोसेंसर्स में किया जा सकेगा।
इसके इस्तेमाल से जुड़ी दूसरी संभावनाओं पर भी काम किया जा रहा है।
पावरबैंक
यूट्यूबर ने बनाया सबसे बड़ा पावरबैंक
दुनिया की सबसे छोटी बैटरी की बात हो रही है तो सबसे बड़े पावरबैंक का जिक्र भी किया जा सकता है।
चीन के इनफ्लुएंसर हैंडी जेंग ने हाल ही में अपनी वर्कशॉप में एक पावरबैंक बनाया है, जिसके दुनिया का सबसे बड़ा पावरबैंक होने का दावा किया जा रहा है। यह एकसाथ 60 बड़े डिवाइसेज को बैकअप दे सकता है।
इनफ्लुएंसर का दावा है कि उन्होंने जो पावरबैंक अपनी वर्कशॉप में बनाया है, उसकी क्षमता 2,70,00,000mAh है।
तरीका
ऐसे बनाया दुनिया का सबसे बड़ा पावरबैंक
बेशक हैंडी ने यह पावरबैंक मजाक में बनाया है लेकिन यह बड़ा पावरबैंक दूसरे पावरबैंक्स की तरह ही काम करता है।
हैंडी जेंग ने इस पावरबैंक का एक वीडियो चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो (Weibo) और यूट्यूब पर शेयर किया है।
डिवाइस बनाने के लिए जेंग ने बड़े फ्लैट बैटरी पैक का इस्तेमाल किया, जिसका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक कारों में किया जाता है।
यह देखने में असली पावरबैंक जैसा लगे, इसके लिए जेंग ने इसपर सिल्वर मेटल की केसिंग लगाई है।
जानकारी
न्यूजबाइट्स प्लस
चार्जिंग इनोवेशंस की बात करें तो टेक कंपनी ओप्पो पिछले महीने 'जीरो-पावर कम्युनिकेशन' टेक्नोलॉजी लेकर आई है, जिसका संबंध ऐसे डिवाइसेज से है, जिन्हें चार्ज करने की जरूरत नहीं होगी। नई टेक्नोलॉजी ब्लूटूथ और वाई-फाई सिग्नल्स की मदद से एनर्जी पैदा करेगी।