
अहमदाबाद विमान हादसा: क्या पिछले हिस्से में बिजली स्पार्किंग की आग के कारण हुई थी दुर्घटना?
क्या है खबर?
अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान AI-171 हादसे को 40 दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी दुर्घटना का पुख्ता कारण सामने नहीं आया है। भारत का विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) भी कारणों का पता लगाने में जुटा है। प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि विमान के दोनों इंजनों के ईंधन स्विच 'कटऑफ' स्थिति में होने से हादसा हुआ है। हालांकि, AAIB पुख्ता कारणों का पता लगाने के लिए विमान के पिछले हिस्से की जांच में जुटा है।
रिपोर्ट
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
AAIB जांच दल द्वारा 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि एयर इंडिया विमान के दोनों इंजन में ईंधन की आपूर्ति बंद हो गई थी और संभवत: इसी वजह से ये हादसा हुआ है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इंजन के ईंधन नियंत्रण स्विच बंद थे, जिसके कुछ ही सेकंड बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जांच में विमान में कोई भी तकनीकी या रखरखाव संबंधी कोई भी समस्या नहीं मिली है।
कारण
AAIB क्यों कर रही है विमान के पिछले हिस्से की जांच?
AAIB जांच टीम अब विमान के पिछले हिस्से या टेल असेंबली की जांच कर रही है। इसका कारण है कि जांच में विमान में बिजली की स्पार्किंग से लगी नियंत्रित आग के संकेत मिले हैं। हालांकि, यह आग केवल पिछले हिस्से में स्थित कुछ हिस्सों तक ही सीमित थी। बता दें कि विमान का पिछला हिस्सा दुर्घटना के दौरान अलग हो गया था और विस्फोट के बाद लगी आग से बच गया था। उसे अहमदाबाद में सुरक्षित रखा गया है।
बयान
विमान के पिछले हिस्से की जांच से मिल सकती है अहम जानकारी
एक अधिकारी ने द इंडियन एक्सप्रेस से कहा, "विमान का पिछला हिस्सा उड़ान के दौरान विमान की विद्युत आपूर्ति में संभावित खराबी के विस्तृत विश्लेषण की कुंजी है।" उन्होंने आगे कहा, "13 जुलाई को बीजे मेडिकल कॉलेज के छात्रावास में मेस भवन की छत से प्राप्त हुए पीछे के ब्लैक बॉक्स की स्थिति के आधार पर विद्युतीय आग लगने की अत्यधिक संभावना है। पीछे के ब्लैक बॉक्स को आंतरिक रूप से व्यापक तापीय नुकसान हुआ था।"
नुकसान
ब्लैक बॉक्स को नहीं हुआ ज्यादा नुकसान
अधिकारियों ने बताया कि हॉस्टल इमारत से टकराने पर विमान के पिछले हिस्से ने अपेक्षित बल को अवशोषित कर लिया, लेकिन फिर भी ब्लैक बॉक्स नष्ट नहीं हुआ। अधिकारी ने कहा, "इस बात की होने चाहिए कि क्या पिछले हिस्से की बिजली की आग उड़ान किसी पुर्जे की खराबी से थी, जो उड़ान के लिए रोलिंग शुरू होने पर लगी थी, या यह पूरी तरह से टक्कर के बाद लगी आग थी। यह आग पिछले हिस्से तक ही सीमित थी।"
जांच
अन्य उपकरणों की भी की जाएगी जांच
ब्लैक बॉक्स के अलावा, विमान के पिछले हिस्से में लगी ऑक्सिलरी पावर यूनिट (APU), ट्रांसड्यूसर और रडार भी जांच के दायरे में हैं। APU सही सलामत है और उसे जांच में शामिल किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, पिछले हिस्से की जांच अहम हो गई है क्योंकि दिल्ली से अहमदाबाद जाने वाली पिछली उड़ान AI-423 के चालक दल ने स्टेबलाइजर पोज़िशन ट्रांसड्यूसर में समस्या बताई थी। हालांकि, AI-171 में इंजीनियरों ने उड़ान से पहले ही इसे सुलझा लिया था।
अटकलें
पश्चिम मीडिया ने पायलटों को ठहराया दोषी
AAIB की रिपोर्ट के बाद द वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) ने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि एक वरिष्ठ पायलट ने गलती से दोनों इंजनों में ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी होगी, जिससे यह दुर्घटना हुई। अन्य रिपोर्ट में कहा है कि दोनों पायलटों के बीच कॉकपिट रिकॉर्डिंग से पता चलता है कि कैप्टन ने ईंधन की आपूर्ति बंद की थी। रॉयटर्स ने भी इसी तरह की एक रिपोर्ट प्रकाशित कर गुमराह करने का काम किया है।
लताड़
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ने लगाई लताड़
इस मामले में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू किंजरापु ने रविवार को पश्चिमी मीडिया को लताड़ लगाते हुए किसी भी निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करने के महत्व पर जोर दिया है। इसी तरह भारतीय वाणिज्यिक पायलट एसोसिएशन (ICPA) ने कहा था कि चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया था। ऐसे में विमान के पायलटों को अनुमान के आधार पर बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।
जानकारी
FIP ने WSJ और रायटर्स को भेजा नोटिस
फेडरेशन ऑफ इंडियन पायलट्स (FIP) ने प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर निराधार और अपमानजनक कवरेज के लिए WSJ और रॉयटर्स को कानूनी नोटिस भेजा है। FIP ने खबरों की वापसी और खंडन के साथ सार्वजनिक माफी की मांग की है।
दल
AAIB ने कैप्टन संधू को भी जांच दल में किया शामिल
इधर, AAIB ने रविवार को अनुभवी पायलट और एयर इंडिया के पूर्व संचालन निदेशक कैप्टन आरएस संधू को भी जांच दल में शामिल कर लिया। कैप्टन संधू एयर इंडिया में बोइंग 787-8 बेड़े के लिए नामित परीक्षक भी रहे हैं। उन्हें ऐसे समय में शामिल किया गया है जब एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPAI) समेत विभिन्न पायलट यूनियनों ने जांच में तकनीकी विशेषज्ञता की मांग की थी। इससे अब पायलटों की भूमिका की निष्पक्ष जांच हो सकेगी।