दिल्ली NCR में CNG वाहन 14 गुना ज्यादा फैला रहे प्रदूषण, अध्ययन में हुआ खुलासा
दिल्ली और गुरूग्राम जैसे शहरों में पर्यावरण संरक्षण के लिए CNG वाहनों को बढ़ावा देना ज्यादा कारगर नहीं है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि पेट्रोल और डीजल के साथ CNG वाहन भी उच्च स्तर के प्रदूषक उत्सर्जित करते हैं। यह प्रयोगशाला-अनुमोदित सीमा की तुलना में 14 गुना अधिक थे। ऐसे में पहले से ही वायु प्रदूषण झेल रहे इन शहरों में कम उत्सर्जन के लिए CNG वाहनों को बढ़ावा देना सही दृष्टिकोण नहीं है।
PUCC सीमा से अधिक मिला उत्सर्जन
PTI की रिपोर्ट के अनुसार, इंटरनेशनल काउंसिल ऑन क्लीन ट्रांसपोर्टेशन (ICCT) ने दिल्ली और गुरूग्राम के अधिकारियों के साथ एक अध्ययन किया है। इसमें पता चला है कि दिल्ली NCR क्षेत्र में अधिकांश वाहन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र (PUCC) सीमा से अधिक पर्यावरण प्रदूषकों का उत्सर्जन कर रहे हैं। अध्ययन के लिए 1.11 लाख से अधिक वाहनों का उत्सर्जन मापा गया, जिनमें करीब 45 प्रतिशत वाहन पेट्रोल, 32 प्रतिशत CNG और 23 प्रतिशत डीजल मॉडल थे।
निजी की तुलना में कमर्शियल वाहनों का ज्यादा था उत्सर्जन
इस अध्ययन में दोपहिया और तिपहिया वाहन, निजी कारें, टैक्सियां, हल्के मालवाहक वाहन और बसें शामिल हैं। अध्ययन से पता चला कि उच्च उपयोग वाले कमर्शियल वाहनों से उत्सर्जन निजी वाहनों की तुलना में बहुत अधिक है। BS6 टैक्सियों और हल्के माल वाहन बेड़ा निजी वाहनों की तुलना में क्रमशः 2.4 और 5 गुना अधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जित की है। अध्ययन के लिए सड़क के दोनों छोर पर रिमोट सेंसिंग उपकरण लगाए गए थे।