CNG-PNG की कीमतें होंगी 10 प्रतिशत तक कम, जानें नया फॉर्मूला जिसकी वजह से आएगी गिरावट
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पाइप्ड नेचुरल गैस (PNG) और कॉम्प्रेस्ड नेचुरल गैस (CNG) के दाम तय करने के नए फॉर्मूले को मंजूरी दे दी। इससे CNG के दाम 10 प्रतिशत और PNG के दाम 6 से 9 प्रतिशत तक घट जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में प्राकृतिक गैस पर किरीट पारिख समिति की सिफारिशों को मंजूरी दी गई है। ये बदलाव 8 अप्रैल से ही लागू हो जाएंगे।
पहले कैसे तय होते थे CNG और PNG के दाम?
अब तक सरकार साल में 2 बार CNG और PNG के दाम तय करती थी। यह कीमत 1 अप्रैल और 1 अक्टूबर को घोषित की जाती थी। इसके लिए पारंपरिक पुराने क्षेत्रों में ज्यादा मात्रा में गैस उत्पादन करने वाले देशों जैसे रूस, अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा में पिछले एक साल की कीमतों के औसत को आधार बनाया जाता था। इन्हें गैस ट्रेडिंग हब भी कहा जाता है। इनके हिसाब से हमारे यहां गैस की कीमत निर्धारित होती थी।
नए फॉर्मूले के तहत कैसे तय होंगे दाम?
सरकार ने एक बयान में कहा कि प्राकृतिक गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के मासिक औसत का 10 प्रतिशत होगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, "प्राकृतिक गैस की कीमत को अब अंतरराष्ट्रीय हब गैस की जगह इंपोर्टेड क्रूड के साथ लिंक कर दिया गया है। गैस की कीमत अब भारतीय क्रूड बास्केट के अंतरराष्ट्रीय दाम का 10 प्रतिशत होगी। ये हर महीने तय की जाएगी।" इसका मतलब गैस की कीमतों का निर्धारण अब हर महीने होगा।
कितनी कम हो सकती हैं गैस की कीमतें?
इस फैसले के लागू होने से CNG और PNG दोनों के दाम कम हो सकते हैं। इससे PNG की कीमत में करीब 10 प्रतिशत और CNG की कीमत में 5 से 6 रुपये प्रति किलो की कमी आने का अनुमान लगाया जा रहा है।
सरकार ने क्यों किया ये बदलाव?
दरअसल, गैस की कीमतें अक्टूबर, 2020 में 1.79 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़कर अक्टूबर, 2022 में 8.57 डॉलर प्रति यूनिट हो गई थीं। इसके बाद सरकार ने किरीट पारिख की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया था। इसका काम उपभोक्ताओं और उत्पादकों दोनों के हितों को ध्यान में रखते हुए गैस की कीमतों के मूल्य निर्धारण के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार करना था। इसी समिति की सिफारिश के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।
गैस को GST के दायरे में लाने की भी सिफारिश
समिति ने गैस को GST के दायरे में लाने की भी सिफारिश की है। इसमें गैस पर 3 से 24 प्रतिशत तक सामान्य टैक्स लग सकता है। सरकार गैस उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कंपनियों को अतिरिक्त उत्पादन पर 20 प्रतिशत प्रीमियम भी देगी। मौजूदा उत्पादक यदि गैस उत्पादन बढ़ाते हैं तो उन्हें घोषित दाम के अलावा 20 प्रतिशत प्रीमियम के रूप में इंसेंटिव दिया जाएगा। इससे उत्पादकों को उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।