PLI योजना की रियायत को लेकर वाहन निर्माताओं में असमंजस, जानिए क्या है कारण
देश के ऑटोमोबाइल क्षेत्र में प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना के तहत मिलने वाली रियायत को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऑटो सेक्टर के लिए 25,938 करोड़ की PLI स्कीम को लागू हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है लेकिन अभी तक भारत सरकार ने इसको लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। इस कारण ऑटोमेकर्स में संशय बना हुआ है कि उन्हें पहले साल के लिए रियायत मिलेगी या नहीं।
क्या है PLI योजना ?
PLI योजना को केन्द्र सरकार ने घरेलू निर्माण को बढ़ावा देने और आयात बिल में कटौती करने के लिए मार्च] 2020 में शुरू किया था। योजना के तहत सरकार कंपनियों को भारत में बने प्रोडक्ट की बिक्री के आधार पर इंसेंटिव देती है। इसके अलावा, विदेशी कंपनियों को देश में कारोबार स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित करती है। इसमें ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक वाहन, ऑटो कंपोनेंट, इलेक्ट्रॉनिक और टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट सहित 14 सेक्टर शामिल हैं।
देरी से जारी की गई SOP
PLI योजना को लेकर संशय की स्थिति बनने के पीछे बड़ा कारण सरकार द्वारा स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी करने में देरी है। यह योजना 1 अप्रैल, 2022 को लागू हुई थी लेकिन SOP इस साल 27 अप्रैल को ही जारी की गई। ऑटोमेकर्स को SOP के अनुसार डोमेस्टिक वैल्यू एडिशन (DVA) की गणना के बाद अपने उत्पादों को प्रमाणित करना आवश्यक है, तभी उन्हें प्रोत्साहन राशि मिलेगी। इसको लेकर भारी उद्योग मंत्रालय को पत्र भी लिखा गया है।