बांग्लादेश में तख्तापलट: शेख हसीना लंदन में ही क्यों राजनीतिक शरण लेना चाहती हैं?
बांग्लादेश में प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे देने से तख्तापलट हो गया है। सेना ने देश की बागडोर अपने हाथों में ले ली है और हसीना वर्तमान में भारत में हैं। हालांकि, रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि वह भारत में नहीं रहेंगी और जल्द ही लंदन के लिए रवाना हो सकती हैं। इससे पहले उनके फिनलैंड जाने की भी रिपोर्ट सामने आई थीं। आइए जानते हैं कि हसीना के राजनीतिक शरण के लिए लंदन क्यों उपयुक्त है।
हसीना की बहन रेहाना के पास है ब्रिटेन की नागरिकता
हसीना के राजनीतिक शरण के लिए लंदन जाने के पीछे सबसे बड़ा कारण उनकी बहन शेख रेहाना के पास ब्रिटेन की नागरिकता होना है। रेहाना हमेशा से ही हसीना के लिए समर्थन का एक दृढ़ स्तंभ रही हैं। दोनों बहनें 1975 में उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान, माता और 3 भाइयों की हत्या वाले नरसंहार में बच गई थीं। उस समय वह हसीना अपनी बहन और पति के साथ जर्मनी में थी, लेकिन उसके बाद भारत आ गई थीं।
रेहाना की मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि भी है बड़ा कारण
रेहाना की ब्रिटिश नागरिकता के साथ उनके परिवार की मजबूत पारिवारिक पृष्ठभूमि और आपसी सहयोग की भावना हसीना के लिए लंदन को और बेहतर शरणस्थली प्रदान करती है। अपनी विनम्रता और दिखावे से दूर रहने के लिए जानी जाने वाली रेहाना ने बांग्लादेश की सामाजिक-आर्थिक उन्नति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ऐसे में रेहाना ऐसे मौके पर अपनी नागरिकता और लंदन में अपने बच्चों के प्रभाव के चलते हसीना को अधिक सुरक्षित महसूस करा सकती है।
रेहना के बेटी ब्रिटेन सरकार में है मंत्री
रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीक लेबर पार्टी की ओर से ब्रिटिश संसद की सदस्य और स्टारमर सरकार में जूनियर मंत्री हैं। जुलाई में सिटी मिनिस्टर नियुक्त की गईं सिद्दीक वित्तीय सेवा क्षेत्र की देखरेख करती हैं, जो एक महत्वपूर्ण विभाग है। 2021 से वित्तीय उद्योग के लिए लेबर की नीतियों में उनकी भागीदारी ने उन्हें यह पद दिलाया है और उन्हें प्रधानमंत्री कीर स्टारमर का विश्वास प्राप्त भी हैं। ऐसे में वह हसीना को महत्वपूर्ण राजनीतिक मदद दिला सकती हैं।
ब्रिटेन में राजनेताओं के लिए उदार शरण नीति भी है कारण
राजनेताओं के लिए ब्रिटेन की उदार शरण नीति भी हसीना के लंदन में शरण लेने का बड़ा कारण है। ब्रिटेन ऐतिहासिक रूप से उत्पीड़न से बचने के लिए शरण चाहने वाली राजनीतिक हस्तियों के लिए एक आश्रय स्थल रहा है। ब्रिटेन का गृह मंत्रालय शरणार्थी सम्मेलन और आव्रजन नियमों के तहत राजनीतिक शरण के मामलों पर फैसला करता है, जिन्हें दुनिया के सभी हिस्सों के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के लिए अनुकूल रूप से लागू किया गया है।
ब्रिटेन की शरण नीति किस सिद्धांत पर आधारित है?
ब्रिटेन की शरण नीति उन सिद्धांतों पर आधारित है जो राजनीतिक उत्पीड़न का सामना करने वाले व्यक्तियों की रक्षा करते हैं, उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं और उन्हें जीवन को फिर से बनाने का मौका देते हैं। यही वर्तमान में हसीना के लिए जरूरी है।
अपने बेटे के पास अमेरिका क्यों नहीं गईं हसीना?
हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय अमेरिका में रहते हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्होंने वहां जाने का विकल्प नहीं चुना। इसका कारण है कि हसीना के राष्ट्रपति जो बाइडन प्रशासन के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे हैं। हसीना अमेरिका पर अपनी सरकार को अस्थिर करने का प्रयास करने का आरोप लगा चुकी है। अमेरिका ने भी हसीना की शासन शैली और उनकी पार्टी आवामी लीग आलोचना करते मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाता रहा है।
अमेरिका में फर्म चलाते हैं जॉय
जॉय अमेरिका में एक फर्म चलाते हैं और उन्होंने अमेरिकी नागरिक क्रिस्टीन एन ओवरमायर से विवाह किया है। उनके पास ग्रीन कार्ड भी है। हालांकि, इसके बाद भी हसीना के अमेरिकी सरकार से तल्ख संबंधों ने उन्हें वहां शरण लेने से रोक दिया है।
भारत में शरण क्यों नहीं ले रही है हसीना?
बांग्लादेश के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों के बावजूद यह हसीना की शरण के लिए आदर्श विकल्प नहीं है। भारत द्वारा हसीना को दी गई किसी भी शरण को एक राजनीतिक गुट का समर्थन माना जा सकता है, जिससे बांग्लादेश में बाद की सरकार के साथ राजनयिक संबंधों में तनाव पैदा हो सकता है। इस तरह की व्यवस्था से घरेलू मामलों में हस्तक्षेप के आरोप लग सकते हैं। भारत की निकटता और कूटनीतिक जटिलताओं की संभावना भी बड़ा कारण है।
हसीना को क्यों छोड़ना पड़ा देश?
बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को खत्म करने को लेकर छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामला थोड़ा शांत हुआ था, लेकिन गिरफ्तारियों के विरोध में छात्रों ने फिर से प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस के सख्ती बरतने पर उनके इस्तीफे की मांग ने जोर पकड़ लिया। इस दौरान हुई हिंसा में 300 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इसके बाद दोपहर में हसीना ने इस्तीफा देकर देश छोड़ दिया।