कौन बनेगा श्रीलंका का अगला राष्ट्रपति? ये हैं रेस में शामिल उम्मीदवार
क्या है खबर?
श्रीलंका में आज नए राष्ट्रपति के लिए चुनाव होने जा रहा है। यह चुनाव ऐसे वक्त पर हो रहा है, जब वह भयंकर आर्थिक संकट की चपेट में है।
यह पहली बार है, जब श्रीलंका में संसद के जरिये राष्ट्रपति का चुनाव हो रहा है।
पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के देश से भागकर इस्तीफा देने के बाद हो रहे इस चुनाव में तीन उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
आइये इन तीनों उम्मीदवारों के बारे में जानते हैं।
उम्मीदवार
रानिल विक्रमसिंघे
कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को राजपक्षे की पार्टी श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) का समर्थन हासिल है, जो 225 सीटों वाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी है।
प्रदर्शनकारियों के खिलाफ विक्रमसिंघे का मजबूत रवैया उन्हें सांसदों का समर्थन दिलवा सकता है और SLPP के अधिकतर सदस्य उनकी तरफ वोट डालेंगे। फिलहाल इस रेस में वो सबसे मजबूत उम्मीदवार हैं।
जानकारों का मानना है कि अगर विक्रमसिंघे जीत जाते हैं तो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ और कड़ी कार्रवाई करेंगे।
उम्मीदवार
दुल्लस अलहाप्पेरुमा
विक्रमसिंघे को SLPP से अलग हुए और पूर्व शिक्षा मंत्री दुल्लस अलहाप्पेरुमा से कड़ी टक्कर मिल सकती है। वामपंथी झुकाव रखने वाले दुल्लस को विपक्षी पार्टियों का समर्थन प्राप्त है।
अगर वो जीत जाते हैं तो माना जा रहा है कि वो विपक्षी नेता सजीत प्रेमदासा को प्रधानमंत्री बना सकते हैं।
गौरतलब है कि पहले प्रेमदासा भी राष्ट्रपति पद की रेस में शामिल थे, लेकिन बाद में उन्होंने अपने कदम पीछे हटा लिए और दुल्लस को समर्थन का ऐलान किया।
जानकारी
अनुरा दिसानायके भी मैदान में
राष्ट्रपति चुनाव में वामपंथी पार्टी पीपल्स लिब्रेशन फ्रंट के नेता अनुरा दिसानायके भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। कृषि और पशुपालन मंत्री रह चुके दिसानायके की पार्टी के पास संसद में तीन सीटें हैं। उन्होंने शनिवार को चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
जानकारी
पहली बार संसद के जरिये राष्ट्रपति का चुनाव
श्रीलंका में पहली बार सांसदों के जरिये राष्ट्रपति का चुनाव होने जा रहा है। अभी तक जनादेश के माध्यम से इस द्वीपीय देश में राष्ट्रपति चुना जाता रहा है।
यहां एक बार 1993 में राष्ट्रपति पद मध्यावधि में खाली हुआ था, जब तत्कालीन राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी।
उनके बाकी कार्यकाल के लिए संसद ने डीबी विजेतुंगा को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुन लिया था, लेकिन तब चुनाव नहीं हुए थे।
श्रीलंका
देश से भागे राजपक्षे ने दिया इस्तीफा
आर्थिक संकट को लेकर हो रहे भीषण प्रदर्शनों के बीच गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए थे। खराब आर्थिक प्रबंधन को लेकर उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही थी।
पहले मालदीव और फिर सिंगापुर पहुंचे राजपक्षे ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा कि उन्होंने अपनी पूरी क्षमता के साथ मातृभूमि की सेवा की थी और आगे भी करते रहेंगे।
श्रीलंका की आर्थिक बदहाली के लिए उन्होंने कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन को जिम्मेदार बताया था।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
श्रीलंका में क्या स्थिति?
श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है।
देश में ईंधन खत्म हो गया है, जिससे वाहनों का चक्का ठप हो गया और कई दूसरी सेवाओं पर भी असर पड़ा है। इसके चलते देश में कई हफ्तों तक हिंसक प्रदर्शन चले और प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास पर कब्जा कर लिया और प्रधानमंत्री का निजी आवास फूंक डाला।
इसके बाद राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनों का इस्तीफा हो गया।