आर्थिक संकट: श्रीलंका की पूरी कैबिनेट ने दिया इस्तीफा, अभी भी आपातकाल लागू
क्या है खबर?
अपने सबसे बुरे आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका में रविवार देर रात पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा दे दिया। कैबिनेट में मौजूद सभी 26 मंत्रियों ने प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे को अपना इस्तीफा सौंपा।
देश की सरकार में अब बस राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री महिंद्रा राजपक्षे रह गए हैं।
पूरी कैबिनेट ने इस्तीफा क्यों दिया, इसका कोई कारण नहीं बताया गया है, हालांकि इसे महंगाई और आर्थिक संकट के खिलाफ जनता के प्रदर्शन से जोड़कर देखा जा रहा है।
स्थिति
श्रीलंका में आपातकाल लागू, आज सुबह खत्म हुआ कर्फ्यू
बता दें कि आर्थिक संकट के चलते सरकार के खिलाफ जनता के प्रदर्शन को देखते हुए राष्ट्रपति राजपक्षे ने शुक्रवार को देश में आपातकाल लागू कर दिया था। इसके अलावा कर्फ्यू भी लगाया गया था जो आज सुबह खत्म हो गया।
कर्फ्यू के बावजूद रविवार को देशभर में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए और विपक्ष ने राजपक्षे का इस्तीफा मांगा।
इससे पहले गुरूवार को लोगों ने राजपक्षे के घर के पास प्रदर्शन किया था, जिसमें छिटपुट हिंसा भी हुई।
स्थिति
जरूरी चीजों की पड़ने लगी कमी, महंगाई चरम पर
गौरतलब है कि श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजें आयात नहीं कर पा रहा है।
गुरुवार को देश में डीजल खत्म हो गया, जिससे वाहन चलना बंद हो गए और कई दूसरी सेवाओं पर भी असर पड़ा।
पर्याप्त उत्पादन न होने के चलते बिजली संकट भी गहरा रहा है और 13 घंटे का पावर कट हो रहा है।
महंगाई चरम पर है और आम जरूरत की चीजें बेहद महंगी बिक रही हैं।
आर्थिक संकट
इस स्थिति में कैसे पहुंचा श्रीलंका?
श्रीलंका में 2016 से ही स्थिति खराब होने लगी थी। तब भयंकर सूखे के कारण किसानों की कमर टूट गई थी।
इसके बाद 2019 में चर्चों में सिलेसिलेवार बम धमाकों में करीब 300 लोगों की मौत हुई थी। इसका पर्यटन पर भारी असर पड़ा और विदेशी पर्यटकों ने श्रीलंका आना कम कर दिया।
2020 में कोरोना महामारी से हालात बदतर हो गए और पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह ठप पड़ गया।
श्रीलंका की GDP में पर्यटन का 10 फीसदी योगदान था।
आर्थिक संकट
संकट के और क्या कारण?
कोरोना वायरस महामारी और पर्यटन में नुकसान श्रीलंका की इस स्थिति के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं हैं और अन्य कई चीजों की भी इस आर्थिक संकट में अहम भूमिका है।
इनमें राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की सरकार द्वारा अधिक खर्च, टैक्स में कटौती के कारण सरकार की आमदनी में गिरावट और चीन के कर्ज की अदायगी आदि शामिल हैं।
इसके अलावा खेती को पूरी तरह जैविक करने के फैसले से भी खाद्य पदार्थों और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा।
समाधान
संकट से बाहर निकलने के लिए श्रीलंकाई सरकार क्या कर रही?
इस आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए श्रीलंका की सरकार विदेशी मदद का रास्ता अख्तियार कर रही है। उसने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लोन मांगा है।
इसके अलावा उसने भारत से भी आर्थिक मदद मांगी है और हाल ही में भारत ने उसे एक अरब डॉलर का कर्ज दिया है। चीन और बांग्लादेश से मदद हासिल करने की कोशिश भी की जा रही है।
श्रीलंका पर कुल 26 अरब डॉलर का कर्ज बताया जा रहा है।