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श्रीलंका: घर छोड़कर गए राष्ट्रपति राजपक्षे, प्रदर्शनकारियों ने घेरा आवास
घर छोड़कर गए श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे

श्रीलंका: घर छोड़कर गए राष्ट्रपति राजपक्षे, प्रदर्शनकारियों ने घेरा आवास

Jul 09, 2022
04:13 pm

क्या है खबर?

आर्थिक संकट से घिरे श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे अपना आवास छोड़कर चले गए हैं। रक्षा सूत्रों और स्थानीय मीडिया के हवाले से यह खबर आ रही है। दरअसल, प्रदर्शनकारियों ने शनिवार को उनके आवास को घेर लिया और अंदर घुस आए। इस दौरान हुई हिंसक झड़प में दो पुलिसकर्मियों समेत कुल 21 लोग घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि शनिवार की रैली को देखते हुए राजपक्षे को शुक्रवार को ही आवास से निकाल लिया गया था।

पृष्ठभूमि

भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका

श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है। देश में ईंधन खत्म हो गया है, जिससे वाहनों का चक्का ठप हो गया और कई दूसरी सेवाओं पर भी असर पड़ा है। पर्याप्त उत्पादन न होने के चलते बिजली संकट भी गहरा रहा है। इसके चलते यहां पिछले कुछ महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है और हालात बेहद खराब हो चुके हैं।

श्रीलंका

प्रधानमंत्री ने बुलाई कैबिनेट की बैठक

NDTV ने शीर्ष सरकारी अधिकारी सूत्रों के हवाले से लिखा है कि शनिवार को होने वाली रैली की संभावना को देखते हुए राजपक्षे को शुक्रवार को ही सैन्य मुख्यालय ले जाया गया था। शनिवार के घटनाक्रम के बाद प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कैबिनेट की बैठक बुलाई है। वहीं श्रीलंका पोदुजना पेरामुना (SLPP) के 16 सांसदों ने राष्ट्रपति से तुरंत इस्तीफा देने की मांग की है। बता दें, आज सुबह ही पुलिस ने कर्फ्यू का आदेश वापस लिया था।

जमीनी हालात

बैरिकेड तोड़कर आवास में घुसे हजारों प्रदर्शनकारी

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शनिवार सुबह हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी बैरिकेड तोड़कर राष्ट्रपति के आवास में घुस आए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर लाइव भी थे। इन वीडियो में देखा जा सकता है कि लोग आवास के गलियारों में घूम रहे हैं और कहीं कोई सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आ रहा है। पुलिस ने हालात काबू में करने के लिए हवाई फायर भी किए, लेकिन प्रदर्शनकारियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।

जानकारी

लंबे समय से हो रही गोटाबाया के इस्तीफे की मांग

मार्च में जब यह लगने लगा कि श्रीलंका भयंकर आर्थिक संकट के दलदल में फंसने जा रहा है, तब से ही राजपक्षे के इस्तीफे की मांग हो रही है। इस बीच श्रीलंका को नया प्रधानमंत्री मिल गया, लेकिन राजपक्षे पद पर बने हुए हैं।

जानकारी

देश के अलग-अलग हिस्सों से कोलंबो आए प्रदर्शनकारी

शनिवार को प्रदर्शन करने के लिए श्रीलंका के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारी कोलंबो पहुंचे हैं। एक 37 वर्षीय प्रदर्शनकारी संपत परेरा ने कहा कि राष्ट्रपति को बार-बार यह कहा जा रहा है कि वो कुर्सी छोड़ दे, लेकिन वो सत्ता से चिपके बैठे हैं। जब तक बात नहीं सुनी जाएगी, लोग वापस नहीं जाएंगे। वहीं पूर्व क्रिकेटर सनत जयसूर्या ने कहा कि उन्होंने अपनी जिंदगी में एक विफल नेता के खिलाफ श्रीलंका को इतना एकजुट कभी नहीं देखा था।

ट्विटर पोस्ट

यहां देखिये वीडियो

जानकारी

श्रीलंका में 2016 से खराब होने लगे थे हालात

2016 में पड़े भयंकर सूखे के कारण श्रीलंका के किसानों की कमर टूट गई। उसके बाद 2019 में चर्च में सिलेसिलेवार तरीके से हुए बम धमाकों में करीब 300 लोगों की मौत हुई थी। इसका पर्यटन पर भारी असर पड़ा और विदेशी पर्यटकों ने श्रीलंका आना कम कर दिया। श्रीलंका की GDP में पर्यटन क्षेत्र का 10 फीसदी योगदान होता है। 2020 में कोरोना महामारी से हालात बदतर हो गए और पर्यटन क्षेत्र पूरी तरह ठप पड़ गया।

न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)

संकट के और क्या कारण?

कोरोना वायरस महामारी और पर्यटन में नुकसान श्रीलंका की इस स्थिति के लिए अकेले जिम्मेदार नहीं हैं और अन्य कई चीजों की भी इस आर्थिक संकट में अहम भूमिका है। इनमें राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे की सरकार द्वारा अधिक खर्च, टैक्स में कटौती के कारण सरकार की आमदनी में गिरावट और चीन के कर्ज की अदायगी आदि शामिल हैं। इसके अलावा खेती को पूरी तरह जैविक करने के फैसले से भी खाद्य पदार्थों और अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा।