देश छोड़ने में श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजपक्षे की मदद के आरोपों का भारत ने किया खंडन
क्या है खबर?
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर मालदीव भाग गए हैं। श्रीलंकाई वायुसेना के एक विमान ने उन्हें, उनकी पत्नी और बॉडीगार्ड समेत चार लोगों को कोलंबो से मालदीव की राजधानी माले पहुंचाया था।
इसी बीच कुछ लोग कयास लगा रहे थे कि राजपक्षे को मालदीव पहुंचाने में भारत का हाथ है। अब भारत की तरफ से इस पर आधिकारिक टिप्पणी देकर कहा गया है कि ये सभी कयास आधारहीन हैं।
आइये पूरी खबर जानते हैं।
बयान
भारत ने क्या कहा?
श्रीलंका स्थित भारतीय उच्चायोग ने कयासों पर आधारित उन रिपोर्ट्स को आधारहीन कहकर खारिज किया है, जिसमें कहा गया था कि भारत ने राजपक्षे की देश से निकलने में मदद की है।
ट्विटर पर जारी बयान में उच्चायोग ने आगे लिखा कि भारत श्रीलंका के लोगों की मदद जारी रखेगा क्योंकि वे लोकतांत्रिक साधनों, मूल्यों, स्थापित लोकतांत्रिक संस्थानों और संवैधानिक ढांचे के माध्यम से समृद्धि और प्रगति की अपनी आकांक्षाओं को साकार करना चाहते हैं।
जानकारी
श्रीलंकाई वायुसेना ने पहुंचाया मालदीव
श्रीलंकाई वायुसेना ने इस बात की पुष्टि की है कि उसने राष्ट्रपति को मालदीव पहुंचाया है।
वायुसेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार के अनुरोध और संविधान के तहत राष्ट्रपति को मिली शक्तियों के आधार पर रक्षा मंत्रालय से अनुमति के बाद राष्ट्रपति, उनकी पत्नी और दो सुरक्षा अधिकारियों को 13 जुलाई को श्रीलंका वायुसेना के विमान में बैठाकर मालदीव पहुंचाया गया है।
राजपक्षे मालदीव की राजधानी माले के हवाई अड्डे पर उतरे थे।
जानकारी
अज्ञात जगह ले जाए गए राजपक्षे
माले हवाई अड्डे के अधिकारियों ने बताया कि राजपक्षे को पुलिस सुरक्षा के बीच अज्ञात स्थान पर ले जाया गया है। सूत्रों के अनुसार, मालदीव से राजपक्षे किसी दूसरे एशियाई मुल्क में जा सकते हैं।
बता दें कि बतौर राष्ट्रपति राजपक्षे को गिरफ्तारी से सुरक्षा मिली हुई है और वो इस्तीफा देने से पहले देश छोड़ देना चाहते थे। खबरें हैं कि उन्होंने इस्तीफा देने के लिए देश से सुरक्षित निकासी की शर्त रखी थी।
जानकारी
अभी तक नहीं दिया इस्तीफा
आर्थिक संकट के कारण भारी विरोध का सामना कर रहे राजपक्षे ने 13 जुलाई को पद छोड़ने का ऐलान किया था। हालांकि, अभी तक उनकी तरफ से इस्तीफे की घोषणा नहीं की गई है।
प्रक्रिया
इस्तीफे के बाद क्या होगा?
अगर राजपक्षे अपने वादे के मुताबिक आज पद छोड़ देते हैं तो प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे कार्यकारी राष्ट्रपति बन जाएंगे। हालांकि, विक्रमसिंघे ने भी इस्तीफे का ऐलान कर दिया है तो श्रीलंका को नया राष्ट्रपति मिलना तय है।
नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए 15 जुलाई को संसद का नया सत्र शुरू होगा।
खबरें आ रही हैं कि 20 जुलाई को होने वाले नए राष्ट्रपति चुनाव के लिए श्रीलंका की मुख्य विपक्षी पार्टी अपने नेता सजीत प्रेमदासा को नामित करेगी।
आर्थिक संकट
भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका
भयंकर आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा खत्म हो चुकी है और वह जरूरी चीजों का आयात नहीं कर पा रहा है।
देश में ईंधन खत्म हो गया है, जिससे वाहनों का चक्का ठप हो गया और कई दूसरी सेवाओं पर भी असर पड़ा है।
पर्याप्त उत्पादन न होने के चलते बिजली संकट भी गहरा रहा है। इसके चलते यहां पिछले कुछ महीनों से सरकार विरोधी प्रदर्शन जारी है और हालात बेहद खराब हो चुके हैं।