कोरोना के इलाज के लिए WHO ने दी दो नई दवाओं को मंजूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए दो नई दवाओं को मंजूरी दी है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित संगठन के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों के दिशानिर्देशों में इन दवाओं के बारे में बताया गया है। संगठन ने कहा कि गंभीर रूप से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए कॉर्टिकॉस्ट्रॉयड्स के साथ बारिसिटिनिब का इस्तेमाल किया जा सकता है। आमतौर पर गठिया के इलाज के लिए इस दवा का उपयोग होता है।
वेंटिलेटर की जरूरत को कम करती है दवा- WHO
WHO की तरफ से कहा गया है कि यह दवा वेंटिलेंटर की जरूरत को कम कर देती है और बिना किसी दुष्प्रभाव के मरीज की जान जाने की आशंका को भी कम करती है। बारिसिटिनिब के साथ ही संगठन ने सोट्रोविमैब के इस्तेमाल की भी 'सशर्त सिफारिश' की है। यह एक प्रयोगात्मक मोनोक्लोनल एंटीबॉडी है, जिसे कम गंभीरता वाले संक्रमण, लेकिन अस्पताल में भर्ती होने के ज्यादा जोखिम वाले मरीजों को दिया जा सकता है।
सात ट्रायल्स में मिले सबूतों पर आधारित है सिफारिश
संगठन की ये सिफारिशें 4,000 से अधिक सामान्य, गंभीर और अति गंभीर संक्रमितों पर हुए सात ट्रायल्स से मिले सबूतों पर आधारित है। मानवीय सहायता के लिए काम करने वाले कई संगठनों ने इन सिफारिशों का स्वागत किया है। महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि हर मरीज को गहन चिकित्सा उपलब्ध कराने की अपनी सीमा है। ऐसे में लोगों को गंभीर संक्रमण से बचाने के लिए किफायती दवाओं तक पहुंच होना जरूरी है।
महत्वपूर्ण समय पर आई हैं सिफारिशें
WHO ने नए इलाज को ऐसे समय मंजूरी दी है, जब ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण दुनियाभर में संक्रमण की रफ्तार तेज हो गई है। संगठन ने बताया कि पिछले हफ्ते दुनियाभर में कोरोना वायरस के 1.5 करोड़ मामले दर्ज किए गए थे। महामारी की शुुरुआत के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मामले सामने आए हैं। इसके पीछे ओमिक्रॉन को वजह माना जा रहा है, जो डेल्टा वेरिएंट को पछाड़कर प्रमुखता से फैलने वाला वेरिएंट बन रहा है।
फाइजर की दवा को भी मिल चुकी मंजूरी
हाल ही में अमेरिका ने कोरोना के इलाज के लिए मुंह से खाई जाने वाली गोली को इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। अमेरिकी कंपनी फाइजर ने इसे विकसित किया है और इसे पेक्सलोविड नाम से जाना जा रहा है। यह संक्रमित मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने और मौत होने की आशंका को लगभग 90 प्रतिशत तक कम कर देती है। पेक्सलोविड को कोरोना वायरस के बेहद संक्रामक ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी पाया गया है।
दुनियाभर में संक्रमण की क्या स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 32 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 55.20 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 6.40 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8.46 लाख लोगों की मौत हुई है। अमेरिका के बाद भारत दूसरा सर्वाधिक प्रभावित देश है। भारत में लगभग 3.63 करोड़ लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है और 4.85 लाख लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है।