सीरिया में हयात तहरीर अल-शाम संगठन क्या है और इसने अभी क्यों किया है हमला?
सीरिया में पिछले सप्ताह विद्रोही संगठन ने सरकार द्वारा नियंत्रित क्षेत्रों पर बड़े पैमाने पर हमला किया और शनिवार (30 नवंबर) तक देश के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो और उसके हवाई अड्डे पर कब्जा कर लिया। सीरिया में साल 2011 में शुरू हुए गृह युद्ध में यह बड़ा हमला है। इसके पीछे हयात तहरीर अल-शाम संगठन को जिम्मेदार माना जा रहा है। ऐसे में आइए जानते हैं यह संगठन क्या है और यह अब हमले क्यों कर रहा है।
सीरिया में हालिया हमलों में हुई 412 लोगों की मौत
सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स के अनुसार, सीरिया में हाल ही में हुए हमलों में 61 नागरिकों सहित कुल 412 लोगों की मौत हो चुकी है। बड़ी बात यह है कि 2020 में युद्ध विराम पर बातचीत के बाद से सीरिया में संघर्ष शांत था, लेकिन अब अचानक हुए इस हमले ने राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए चुनौतियां बढ़ा दी है। हालांकि, उन्होंने अपनी स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने की बात भी कही है।
हयात तहरीर अल-शाम संगठन क्या है?
हयात तहरीर अल-शाम (HTS) का मतलब 'लेवेंट की मुक्ति के लिए संगठन' है। यह एक इस्लामवादी राजनीतिक और आतंकवादी समूह है, जो मुख्य रूप से सीरिया के ग्रेटर इदलिब क्षेत्र में सक्रिय है, जिसमें अलेप्पो के पश्चिमी ग्रामीण इलाकों में स्थित लताकिया पर्वत और उत्तर-पश्चिमी हामा में अल-गाब मैदान शामिल हैं। इस संगठन की उत्पत्ति 2011 में अल-कायदा से संबद्ध जबात अल-नुसरा से हुई थी। इस्लामिक स्टेट समूह का नेता अबू बक्र अल-बगदादी भी इसके गठन में शामिल था।
सीरिया में कैसा है HTS का प्रभाव?
अबू मोहम्मद अल-जवलानी के नेतृत्व में यह एक सक्षम संगठन बन गया, जिसे सीरियाई राष्ट्रपति बशर असद के खिलाफ लड़ाई में प्रभावी और घातक माना जाता है। साल 2016 में जवलानी ने समूह के अल-कायदा से नाता तोड़ने की घोषणा कर दी। इसके बाद 2017 में जवलानी ने अपने समूह को हरकत नूर अल-दीन अल-जिन्की, लिवा अल-हक, जैश अल-सुन्ना और जबात अंसार अल-दीन जैसे समान विचारधारा वाले समूहों से मिलाकर नए संगठन HTS का गठन कर दिया था।
अमेरिका ने 2018 में घोषित किया आतंकवादी संगठन
सीरिया में हयात तहरीर अल-शाम का प्रभाव और हमलने बढ़ने के बाद साल 2018 में अमेरिका के विदेश विभाग ने इसे एक विदेशी आतंकवादी संगठन (FTO) घोषित कर दिया। हालांकि, उसके बाद भी सीरिया में इस संगठन के प्रभाव में कोई बड़ी कमी नहीं आई।
कौन है HTS संगठन का प्रमुख?
HTS का प्रमुख अबू मोहम्मद अल-जवलानी है, जो पहले अल-कायदा का सदस्य था। सऊदी अरब में जन्मा अल-जवलानी 2003 में इराक में अमेरिकी सेना से लड़ने के लिए अल कायदा में शामिल हुआ था। कथित तौर पर अमेरिकी सैन्य जेलों में समय बिताने के बाद वह 2011 में सीरिया लौट आया और जबात अल-नुसरा में एक प्रमुख व्यक्ति बन गया। उसकी गतिविधियों के लिए अमेरिकी सरकार ने उस पर 1 करोड़ डॉलर (करीब 84 करोड़ रुपये) का इनाम रखा है।
HTS का लक्ष्य क्या हैं?
CSIS की रिपोर्ट के अनुसार, HTS का प्रमुख लक्ष्य असद शासन को उखाड़ फेंकने और ईरानी मिलिशिया को खदेड़ते हुए सीरिया में इस्लामी शासन की स्थापना करना है। HTS प्रमुख अल-जवलानी ने भी कहा था, "हम न केवल दमिश्क पहुंचेंगे, बल्कि अल्लाह की इच्छा से यरुशलम हमारे आगमन की प्रतीक्षा करेगा। उसके इस तरह से बयान से साफ है कि HTS इजरायल को भी अपना दुश्मन मानता है। इस संगठन के लड़ाकों की संख्या 12,000 से 15,000 के बीच है।
HTS का सीरिया के किन क्षेत्रों पर है कब्जा?
सीरिया के इदलिब प्रांत में HTS का दबदबा है, जो सीरियाई साल्वेशन गवर्नमेंट (SSG) के जरिए वहां शासन करता है। SSG के जरिए ही HTS कल्याणकारी सेवाएं प्रदान करने, जरूरी सामान पहुंचाने और खाद्य सहायता कार्यक्रम चलाने का काम करता है। इससे इलाके के लोगों में उसके प्रति सद्भावना बनी रहती है। रिपोर्ट के अनुसार, SSG के माध्यम से HTS का अल-शाम बैंक पर नियंत्रण होने के साथ वाटाड कंपनी के जरिए से तेल क्षेत्र पर भी एकाधिकार है।
HTS ने सीरिया में अब क्यों किया है हमला?
पिछले बुधवार (27 नवंबर) को इजरायल ने लेबनान के साथ युद्ध विराम पर सहमति जताई थी। यह HTS को रास नहीं आया और उसने सीरिया में जवाबी हमला शुरू कर दिया। इससे सेना ने देश के गृह युद्ध की शुरुआत के बाद पहली बार अलेप्पो शहर से अपना नियंत्रण खो दिया। यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब लड़ाकों का कहना है कि वे सरकारी बलों और ईरान समर्थक मिलिशिया समूहों के बढ़ते हमलों का जवाब दे रहे हैं।