पाकिस्तान में नवंबर में हुए आतंकी हमलों में 68 सुरक्षाकर्मियों की जान गई, रिपोर्ट में खुलासा
पाकिस्तान में नवंबर का महीना आम नागरिकों समेत सुरक्षा बलों के लिए खतरनाक साबित हुआ। इस महीने हुए अलग-अलग हमलों में आतंकियों ने कुल 245 लोगों की जान ली है। यह खुलासा इस्लामाबाद स्थित पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्फ्लिक्ट एंड सिक्योरिटी स्टडीज (PICSS) की रविवार को जारी रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट के आधार पर डॉन वेबसाइट ने बताया कि हमलों में 68 सुरक्षाकर्मियों समेत कुल 245 लोग मारे गए हैं। इनमें 127 आतंकवादी और 50 नागरिक शामिल हैं।
अगस्त के बाद नवंबर में सबसे अधिक मौतें
रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त के महीने में हुए आतंकी हमलों में 92 आम नागरिकों, 108 आतंकवादियों और 54 सुरक्षाकर्मियों सहित 254 मौतें हुईं थीं। नवंबर महीने में आतंकी हमलों का यह रिकॉर्ड टूट गया, जिसमें 68 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई है। इससे पहले अक्टूबर में 62 सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी। नवंबर में बम विस्फोटों में कुल 257 लोग घायल हुए, जिनमें 104 सुरक्षाकर्मी और 119 नागरिक हैं। नवंबर में कुल 71 हमले हुए, जबकि अक्टूबर में 68 हुए थे।
सबसे अधिक घटनाएं खैबर पख्तूनख्वा में
रिपोर्ट में बताया गया कि आतंकी हमलों से सबसे ज्यादा प्रभावित खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र रहा, जहां 50 आतंकवादी हमले हुए, जिनमें 71 की मौत हो गई और 85 लोग घायल हो गए। इसके अलावा बलूचिस्तान में 20 आतंकवादी हमलों में 60 लोगों की मौत हुई, जिनमें 26 सुरक्षाकर्मी, 25 नागरिक और 9 आतंकवादी शामिल थे। कुर्रम जिले में हाल के इतिहास की सबसे खराब कबायली झड़पें हुईं, जिसमें 120 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंक का गढ़
2021 में अफगानिस्तान में तालिबान का कब्जा होने के बाद पाकिस्तान सरकार के साथ प्रतिबंधित TTP का संघर्ष विराम नवंबर, 2022 में खत्म हुआ था, जिसके बाद से यहां आतंकी हमले बढ़ गए हैं। आतंकी संगठन बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में अब तक कई बड़े हमले कर चुके हैं। खैबर पख्तूनख्वा TTP का गढ़ माना जाता है। अभी 25 अक्टूबर को खैबर पख्तून में अफगान सीमा पर 10 पुलिसकर्मियों को आतंकियों ने गोलियों से भून दिया था।