NewsBytes Hindi
    English Tamil Telugu
    अन्य
    चर्चित विषय
    क्रिकेट समाचार
    नरेंद्र मोदी
    आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
    राहुल गांधी
    भारत-पाकिस्तान तनाव
    #NewsBytesExplainer
    IPL 2025
    English Tamil Telugu
    NewsBytes Hindi
    User Placeholder

    Hi,

    Logout

    देश
    राजनीति
    दुनिया
    बिज़नेस
    खेलकूद
    मनोरंजन
    टेक्नोलॉजी
    करियर
    अजब-गजब
    लाइफस्टाइल
    ऑटो
    एक्सक्लूसिव
    विज़ुअल खबरें

    एंड्राइड ऐप डाउनलोड

    हमें फॉलो करें
    • Facebook
    • Twitter
    • Linkedin
    होम / खबरें / दुनिया की खबरें / नेपाल विमान हादसा: ब्लैक बॉक्स बरामद, यह क्या होता है और इससे क्या पता चलेगा?
    अगली खबर
    नेपाल विमान हादसा: ब्लैक बॉक्स बरामद, यह क्या होता है और इससे क्या पता चलेगा?
    ब्लैक बॉक्स क्या होता है और इससे क्या पता चलेगा?

    नेपाल विमान हादसा: ब्लैक बॉक्स बरामद, यह क्या होता है और इससे क्या पता चलेगा?

    लेखन प्रमोद कुमार
    Jan 17, 2023
    12:24 pm

    क्या है खबर?

    रविवार को नेपाल में हुए विमान हादसे में 72 लोगों की मौत हो गई थी। सोमवार को इस विमान का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया गयाा है।

    यह ठीक स्थिति में पाया गया है और जांचकर्ताओं ने उम्मीद जताई है कि इसकी जांच से हादसे के कारणों का पता लगाया जा सकेगा।

    आइये जानते हैं कि ब्लैक बॉक्स में क्या होता है और कैसे इससे हादसों के कारण का पता लगाने में मदद मिलती है।

    ब्लैक बॉक्स

    क्या होता है ब्लैक बॉक्स?

    ब्लैक बॉक्स एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होता है जो किसी भी विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की स्थिति में इसका कारण बता सकता है।

    एक हार्ड डिस्क की तरह ब्लैक बॉक्स उड़ान का सारा डाटा इकट्ठा करता है। यह कॉकपिट में पायलटों के बीच होने वाली बातचीत को भी रिकॉर्ड करता है ताकि पता लग सके कि दुर्घटना से ठीक पहले क्या हुआ था।

    यह कंप्यूटर अनाउंसमेंट, रेडियो ट्रैफिक और यात्रियों से संबंधित अनाउंसमेंट को भी रिकॉर्ड करता है।

    जानकारी

    ब्लैक नहीं होता ब्लैक बॉक्स

    भले ही इसका नाम ब्लैक बॉक्स है, लेकिन यह ब्लैक नहीं बल्कि नारंगी होता है। शुरुआत में इसे काले रंग के बॉक्स में रखा जाता था, जिससे इसका नाम ब्लैक बॉक्स पड़ गया और यही नाम चला आ रहा है।

    नारंगी रंग की वजह से इसे मलबे में ढूंढना आसान होता है। इसे आमतौर पर विमान के पिछले हिस्से में लगाया जाता है ताकि दुर्घटना की स्थिति में इन्हें कम से कम नुकसान पहुंचे।

    जानकारी

    ब्लैक बॉक्स में होता क्या है?

    हर कमर्शियल विमान में कम से कम दो ब्लैक बॉक्स होने अनिवार्य हैं और हर ब्लैक बॉक्स में एक फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (FDR) और कॉकपिट वाइस रिकॉर्डर (CVR) होता है।

    1960 में ट्रांस ऑस्ट्रेलियन एयरलाइंस फ्लाइट 538 के क्रैश होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने सबसे पहले विमानों के लिए ब्लैक बॉक्स को अनिवार्य बनाया था। इस हादसे में 29 लोगों की मौत हुई थी और इसके बाद विमानन क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिले थे।

    जानकारी

    FDR में क्या होता है?

    FDR को एक्सीडेंट डाटा रिकॉर्डर के तौर पर भी जाना जाता है और यह टाइटैनियम या स्टैनलेस स्टील से बना होता है।

    इसमें विमान की ऊंचाई, रफ्तार, ईंधन, टर्बुलेंस, हवा की गति, ऑटोपायलट स्टेटस समेत दूसरी जानकारियां रिकॉर्ड होती है। इसमें विमान से जुड़ी हर छोटी से छोटी गतिविधि रिकॉर्ड होती है।

    अगर कहीं पायलट ने किसी स्विच को ऑन या ऑफ किया है तो उसका रिकॉर्ड भी FDR में रिकॉर्ड हो जाता है।

    जानकारी

    CVR में क्या होता है?

    CVR में रेडियो ट्रांसमिशन और पायलटों के बीच की बातचीत, इंजन और दूसरे उपकरणों की आवाज रिकॉर्ड होती है। इसके अलावा यह चालकदल के माइक्रोफोन, पायलट के हेडसेट्स और कॉकपिट पर लगे एरिया रिकॉर्डर की आवाज रिकॉर्ड करता है।

    CVR जहां दो घंटे तक का ऑडियो डाटा रिकॉर्ड कर सकता है, वहीं FDR में 25 घंटों का डाटा सेव रहता है।

    ये दोनों डिवाइस ब्लैक बॉक्स के अंदर बेहद सुरक्षित तरीके से स्टोर किए जाते हैं।

    जानकारी

    कड़ी जांच के बाद विमान में लगाया जाता है ब्लैक बॉक्स

    FDR और CVR आग और ऊष्मा प्रतिरोधी इंसुलेशन में लपेटकर टाइटैनियम या स्टील से बने बॉक्स में रखा जाता है।

    इसे विमान में लगाने से पहले इसकी कड़ी टेस्टिंग होती है और 750 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ज्यादा पर टकराकर और दो टन से ज्यादा वजन गिराकर परखा जाता है। इसकी यह भी जांच होती है कि क्या आग लगने की स्थिति में यह बच पाएगा।

    इन जांचों से गुजरने के बाद इसे विमान में लगाया जाता है।

    जानकारी

    समुद्र में गिरने पर भी लग सकता है ब्लैक बॉक्स का पता

    समुद्र में गिरने पर भी ब्लैक बॉक्स काफी समय तक ठीक से काम करता रहता है। यह 6,000 मीटर की गहराई तक खारे पानी के दबाव का सामना कर सकता है।

    अगर दुर्घटना के बाद ब्लैक बॉक्स समुद्र में गिरता है तो यह खारे पानी के संपर्क में आते ही सिग्नल भेजना शुरू कर देता है। इसमें अंडरवाटर लोकेटर बीकन (ULB) होता है जो 14,000 फुट की गहराई तक से अल्ट्रासॉनिक सिग्नल भेज सकता है।

    विश्लेषण

    ब्लैक बॉक्स के डाटा का विश्लेषण करने में कितना समय लगता है?

    ब्लैक बॉक्स के डाटा का विश्लेषण करने में 10 से 15 दिन का समय लगता है। इसके बरामद होने के बाद इसमें स्टोर डाटा को डाउनलोड कर जांच की जाती है।

    सबसे पहले एयर ट्रैफिक कंट्रोलर से और आपस में पायलटों की बातचीत का विश्लेषण किया जाता है ताकि पता लगाया जा सके पायलटों को विमान में कुछ गड़बड़ी होने का अंदेशा था या नहीं और इसे काबू में करने के लिए उन्होंने क्या किया।

    Facebook
    Whatsapp
    Twitter
    Linkedin
    सम्बंधित खबरें
    ताज़ा खबरें
    नेपाल
    विमान दुर्घटना
    ऑस्ट्रेलिया

    ताज़ा खबरें

    कौन हैं साई धनशिका, जो तमिल अभिनेता विशाल कृष्णा से जल्द रचाएंगी शादी?  तमिल सिनेमा
    मध्य प्रदेश पुलिस ने मंत्री विजय शाह के बयान की जांच के लिए SIT गठित की मध्य प्रदेश
    भारतीय सेना के अधिकारी का दावा- पूरा पाकिस्तान हमारे हथियारों की रेंज में है भारतीय सेना
    उत्तर भारत में चिलचिलाती धूप निकाल रही दम, आज तूफान के साथ होगी बारिश  गर्मी की लहर

    नेपाल

    बिहार और असम में बाढ़ से 35 लाख लोग प्रभावित, 100 से ज्यादा की हुई मौत बिहार
    विदेश मंत्री जयशंकर ने गौतम बुद्ध को बताया महानतम भारतीय, नेपाल ने जताई सख्त आपत्ति नरेंद्र मोदी
    पड़ोसी मित्र देशों को कोरोना वैक्सीन उपलब्ध कराएगा भारत- विदेश सचिव भारत की खबरें
    चीन ने नेपाल की जमीन पर किया अतिक्रमण, दो किलोमीटर अंदर घुसकर खड़ी की नौ इमारतें चीन समाचार

    विमान दुर्घटना

    चीन में विमान दुर्घटनाग्रस्त, 133 यात्री थे सवार चीन समाचार
    पश्चिम बंगाल: लैंडिंग के समय तूफान में फंसा स्पाइसजेट का विमान, 17 यात्री घायल मुंबई
    चाइना ईस्टर्न एयलाइंस के विमान को जानबूझकर दुर्घटनाग्रस्त करने के संकेत- रिपोर्ट चीन समाचार
    नेपाल: तारा एयर का विमान दुर्घटनाग्रस्त, चार भारतीयों समेत 22 लोग थे सवार जापान

    ऑस्ट्रेलिया

    ऑस्ट्रेलिया ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' को दी मान्यता कोरोना वायरस
    कोरोना: 'गेम चेंजिंग' दवा खरीदने में आगे एशिया-प्रशांत क्षेत्र के देश, पिछड़ सकते हैं गरीब मुल्क दक्षिण कोरिया
    कोरोना: ऑस्ट्रेलिया में 'कोविशील्ड' के बाद अब 'कोवैक्सिन' को मंजूरी, बिना रोक-टोक यात्रा कर सकेंगे भारतीय वैक्सीन समाचार
    ऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न में तोड़ी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा, प्रधानमंत्री मॉरिसन ने बताया शर्मनाक मेलबर्न
    पाकिस्तान समाचार क्रिकेट समाचार नरेंद्र मोदी आम आदमी पार्टी समाचार अरविंद केजरीवाल राहुल गांधी फुटबॉल समाचार कांग्रेस समाचार लेटेस्ट स्मार्टफोन्स दक्षिण भारतीय सिनेमा भाजपा समाचार बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कोरोना वायरस रेसिपी #NewsBytesExclusive ट्रैवल टिप्स IPL 2025
    हमारे बारे में प्राइवेसी पॉलिसी नियम हमसे संपर्क करें हमारे उसूल शिकायत खबरें समाचार संग्रह विषय संग्रह
    हमें फॉलो करें
    Facebook Twitter Linkedin
    All rights reserved © NewsBytes 2025