
ऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न में तोड़ी गई महात्मा गांधी की प्रतिमा, प्रधानमंत्री मॉरिसन ने बताया शर्मनाक
क्या है खबर?
ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ने का शर्मनाक मामला सामने आया है। भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया को ये प्रतिमा तोहफे में दी थी और शुक्रवार को ही प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने इसका अनावरण किया था।
मॉरिसन ने इस घटना को शर्मनाक और बेहद निराशानजक बताया है और कहा है कि इस तरह के हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारतीय समुदाय ने भी घटना पर रोष व्यक्त किया है।
घटना
अनावरण के चंद घंटे बाद ही तोड़ दी गई प्रतिमा
ऑस्ट्रेलियन अखबार 'द एज' के अनुसार, प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने शुक्रवार को रोविले स्थित ऑस्ट्रेलियन-इंडियन कम्युनिटी सेंटर पर महात्मा गांधी की कांस की प्रतिमा का अनावरण किया था और इसके चंदे घंटे बाद ही इसे तोड़ दिया गया।
पुलिस के अनुसार, अज्ञात हमलावरों ने शुक्रवार शाम 5:30 बजे से शनिवार शाम 5:30 बजे के बीच किसी हथियार से प्रतिमा को तोड़ा।
मामले की जांच की जा रही है और गवाहों से सामने आने को कहा गया है।
प्रतिक्रिया
मॉरिसन बोले- सांस्कृतिक स्मारकों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
मॉरिसन ने हमले की आलोचना करते हुए कहा कि इस स्तर का अपमान देखना शर्मनाक और बेहद निराशाजनक है।
उन्होंने कहा कि ऐसा देश जो दुनिया का सबसे सफल बहुसांस्कृतिक और इमिग्रेशन राष्ट्र है, वहां सांस्कृतिक स्मारकों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा, "इसके लिए जो भी जिम्मेदार है, उसने ऑस्ट्रेलियन-इंडियन समुदाय का बड़ा अनादर किया है और उसे शर्म आनी चाहिए।"
उन्होंने मामले में सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
प्रतिक्रिया
भारतीय समुदाय ने हमले को बताया घटिया
ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय समुदाय ने भी इस घटना पर हैरानी और गुस्सा व्यक्त किया है और इसे एक कायराना कृत्य करार दिया है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एसोसिएशन्स के अध्यक्ष सूर्यप्रकाश सोनी ने कहा, "समुदाय बहुत हैरान और दुखी है। मुझे समझ नहीं आता कि कोई तोड़फोड़ का ऐसा घटिया कृत्य क्यों करेगा।"
उन्होंने कहा कि रोविले सेंटर को 30 साल के प्रयास के बाद बनाया गया है और ये विक्टोरिया राज्य में पहला भारतीय सामुदायिक केंद्र है।
बयान
"सिर को काटने की कोशिश कर रहे थे हमलावर"
ऑस्ट्रेलिया-इंडिया कम्युनिटी चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष वासन श्रीनिवासन ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें इस बात से दुख होता है कि किसी ने प्रतिमा लगाए जाने के 24 घंटे के अंदर ही इसे तोड़ने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि हमलावर सिर को काटने की कोशिश कर रहे थे।
श्रीनिवासन ने कहा कि विक्टोरिया में लगभग तीन लाख भारतीय रहते हैं और उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि यहां ऐसा होगा।
जानकारी
इन देशों में भी हो चुका है गांधी की प्रतिमा पर हमला
ऑस्ट्रेलिया से पहले अन्य कई देशों में भी महात्मा गांधी की प्रतिमा को तोड़ा जा चुका है। इसी साल जनवरी में अमेरिका के कैलिफॉर्निया में गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाया गया था। 2015 में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में ऐसी ही घटना हुई थी।