वाशिंगटन में गांधी की प्रतिमा से बदसलूकी की घटना पर अमेरिकी राजदूत ने मांगी माफी
क्या है खबर?
भारत में अमेरिका के राजदूत केन जस्टर ने वाशिंगटन में महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाये जाने की घटना के लिए माफी मांगी है।
भारतीय दूतावास के बाहर स्थित इस प्रतिमा पर कुछ प्रदर्शनकारी रंग छिड़ककर चले गए थे, जिसके बाद इसे ढक दिया गया है।
गौरतलब है कि अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद बड़े स्तर पर 'ब्लैक लाइव्ज मैटर' समेत कई नामों से प्रदर्शन चल रहे हैं।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
ट्वीट
हम माफी चाहते हैं- जस्टर
जस्टर ने ट्विटर पर लिखा, 'वाशिंगटन में गांधी की प्रतिमा के साथ हुई छेड़खानी के लिए हम माफी चाहते हैं। कृपया हमारी माफी स्वीकार करें। हम जॉर्ज फ्लॉयड की डरावनी मौत, खतरनाक हिंसा और बर्बरता से भी दुखी हैं। हम हर प्रकार के पूर्वाग्रह और भेदभाव के खिलाफ खड़े हैं। हम इससे उबरेंगे औऱ बेहतर बनेंगे।'
वहीं भारतीय दूतावास की तरफ से इसकी शिकायत मिलने के बाद वॉशिंगटन की पुलिस ने दोषी व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
प्रदर्शन
व्हाइट हाउस तक पहुंची हिंसक प्रदर्शनों की आंच
बताया जा रहा है कि 2-3 जून की रात को जॉर्ज फ्लॉयड के लिए न्याय की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतर आए और कई स्मारकों को नुकसान पहुंचाया।
प्रदर्शनकरियों ने लिंकन मेमोरियल जैसे ऐतिहासिक स्मारक को भी नहीं छोड़ा। साथ ही उन्होंने एक चर्च को भी आग के हवाले कर दिया।
बता दें कि इन प्रदर्शनों की आंच व्हाइट हाउस तक भी पहुंच चुकी है। यहां तक की राष्ट्रपति ट्रंप को बंकर में जाना पड़ा।
अमेरिका
2000 में लगी थी बापू की प्रतिमा
अक्टूबर,1998 को अमेरिकी कांग्रेस ने महात्मा गांधी के सम्मान में कोलंबिया जिले में स्मारक लगाने की इजाजत दी थी।
लगभग दो साल बाद 16 सितंबर, 2000 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में इस प्रतिमा का अनावरण किया था।
पीतल से बनी इस प्रतिमा की ऊंचाई 8 फीट 8 ईंच है। यह वाशिंगटन में लगी विदेशी नेताओं की कुछ प्रतिमाओं में से एक है।
जानकारी
गौतम पाल ने डिजाइन की थी प्रतिमा
इस प्रतिमा में महात्मा गांधी का लाठी से चलते हुए दिखाया गया है, जो नमक पर टैक्स लगाने के खिलाफ उनके 1930 के मार्च की यादें ताजा करता है। इस प्रतिमा को गौतम पाल ने डिजाइन किया था।
मामला
क्या है जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का मामला?
अमेरिका के मिनेसोटा के मिनेपॉलिस के रहने वाले जॉर्ज फ्लॉयड पर काले धन के इस्तेमाल का आरोप था।
उनसे पूछताछ करने आई पुलिस के एक अधिकारी ने अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन दबाए रखी।
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में फ्लॉयड पुलिसकर्मी से छोड़ने की गुहार लगाते हुए कहते हैं कि वो सांस नहीं ले पा रहे हैं। थोड़ी देर बाद फ्लॉयड की मौत हो जाती है।
इसके बाद से अमेरिका में प्रदर्शन शुरू हो गए।
जानकारी
आरोपी पुलिसकर्मी गिरफ्तार
जिस पुलिसकर्मी ने फ्लॉयड के गले पर पैर रखा था, उनका नाम डेरेक शॉविन है। शॉविन को हत्या और नरसंहार के आरोपों में गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया जा रहा है। पूरे घटनाक्रम के बारे में आप यहां टैप कर पढ़ सकते हैं।