
अमेरिका की जहाजों के निर्माण और संचालन पर नजर, अब चीन पर नया बंदरगाह शुल्क लगाया
क्या है खबर?
अमेरिका अब चीन के हाथों से जहाजों का निर्माण और उसका संचालन छीनना चाहता है, जिसको लेकर उसने नया दांव चला है।
अमेरिका ने घरेलू जहाज निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के साथ इस क्षेत्र में चीन के प्रभुत्व को कम करने के लिए चीन द्वारा निर्मित और संचालित जहाजों पर नया बंदरगाह शुल्क लागू किया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है, जब अमेरिका और चीन टैरिफ को लेकर बड़े व्यापार युद्ध में उलझे हैं।
टैरिफ
अमेरिका ने नए शुल्क लगाने पर क्या कहा?
अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर ने गुरुवार को नए शुल्कों की घोषणा करते हुए कहा कि इनमें से अधिकांश शुल्क अक्टूबर के मध्य से लागू होंगे।
उन्होंने कहा कि जहाज और शिपिंग अमेरिकी आर्थिक सुरक्षा और वाणिज्य के मुक्त प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन की कार्रवाई चीनी प्रभुत्व को उलटने, अमेरिकी आपूर्ति श्रृंखला के लिए खतरों को संबोधित करने और अमेरिकी निर्मित जहाजों की मांग का संकेत भेजने की शुरुआत करेंगी।
शुल्क
इस तरह लगाया जाएगा शुल्क?
अमेरिका के नए नियम के तहत प्रति टन या प्रति कंटेनर शुल्क प्रत्येक बंदरगाह पर नहीं लगेगा, बल्कि प्रत्येक चीनी-संबंधित जहाज की अमेरिका यात्रा पर लगेगा।
शुल्क साल में अधिकतम 5 बार लगेगा और अगर मालिक अमेरिका निर्मित जहाज का ऑर्डर देता है तो उसे माफ किया जाएगा।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद अमेरिकी जहाज निर्माण उद्योग में गिरावट आई है और अब वैश्विक उत्पादन में इसकी हिस्सेदारी मात्र 0.1 प्रतिशत है।
इस क्षेत्र में एशिया का दबदबा है।