अफगानिस्तान: मौत की आशंकाओं के बीच सार्वजनिक तौर पर नजर आया तालिबान प्रमुख हिब्तुल्लाह अखुंदजादा
क्या है खबर?
कई महीनों से "लापता' तालिबान का सर्वोच्च नेता हिब्तुल्लाह अखुंदजादा शनिवार को सार्वजनिक तौर पर देखा गया। तालिबान के सूत्रों के अनुसार, वह शनिवार को कंधार में एक कार्यक्रम में शामिल हुआ।
तालिबान के अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद ये पहली बार है जब अखुंदजादा को सार्वजनिक तौर पर देखा गया है। इस बीच कई बार उसकी मौत की खबरें वायरल भी हुई थीं। तालिबान में सत्ता संघर्ष के बीच भी वह बाहर नहीं आया था।
मामला
कंधार के धार्मिक स्कूल पहुंचा था अखुंदजादा
कार्यक्रम के दौरान अखुंदजादा के साथ मौजूद रहे एक वरिष्ठ तालिबानी नेता ने अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि वह शनिवार को कंधार स्थित एक धार्मिक स्कूल जामिया दारुल अलूम हाकिमिया पहुंचा था।
कई अधिकारी पहले भी अखुंदजादा के सार्वजनिक तौर पर देखे जाने की बात कह चुके हैं, लेकिन ये पहली पुष्ट उपस्थिति है। इस बीच उसके कई बयान जरूर आए, लेकिन उसे सार्वजनिक तौर पर नहीं देखा गया और न ही उसका वीडियो सामने आया।
जानकारी
जताई जा रही थी अखुंदजादा की मौत की आशंका
अखुंदजादा के इतने लंबे समय तक "गायब" रहने के कारण उसकी मौत की आशंका जताई जा रही थीं। इन आंशकाओं को इस बात से भी मजबूती मिली कि तालिबान ने अपने संस्थापक मुल्ला उमर की मौत को भी कई सालों तक छिपा कर रखा था।
परिचय
कंधार से ही आता है अखुंदजादा
हिब्तुल्लाह अखुंदजादा का संबंध तालिबान के गढ़ माने जाने वाले कंधार से है और उसका संबंध नूरजई कबीले से है।
वह सोवियत संघ के हमले के बाद 1980 के दशक के अफगानी विद्रोह में एक कमांडर की भूमिका अदा कर चुका है, हालांकि उसकी पहचान एक इस्लामी विद्वान के तौर पर ज्यादा है। वह तालिबान के संगठन में एक अहम भूमिका अदा करता रहा है और कंधार से होने के कारण उसे तालिबान में आगे बढ़ने में मदद मिली।
तरक्की
2016 में तालिबान का प्रमुख बना था अखुंदजादा
अखुंदजादा तालिबान का प्रमुख बनने से पहले तालिबान के पूर्व प्रमुख अख्तर मोहम्मद मंसूर का डिप्टी था। मंसूर को मई, 2016 में अमेरिका ने एक ड्रोन हमले में मार गिराया जिसके बाद अखुंदजादा तालिबान का प्रमुख बना।
उसे तालिबान प्रमुख बनाने में पाकिस्तान के क्वेटा में रहने वाले तालिबान के शीर्ष नेताओं की अहम भूमिका रही। इस बीच मंसूर की भी एक वसीयत सामने आई जिसमें उसने अखुंदजादा को अपना वारिस घोषित किया था।
जानकारी
अलकायदा प्रमुख ने अखुंदजादा को दी थी 'अमीर अल-मूमिनीन' की उपाधि
अखुंदजादा को 'अमीर अल-मूमिनीन' की उपाधि भी हासिल है जो उसे अलकायदा प्रमुख आयमान अल-जवाहिरी ने दी थी। इसका मतलब 'विश्वासियों का कमांडर' यानि मुस्लिमों का नेता होता है। ये लगभग खलीफा के स्तर का दर्जा होता है।
विचारधारा
धार्मिक कट्टरपंथी है अखुंदजादा
तालिबान का प्रमुख बनने से पहले भी अखुंदजादा तालिबान के शीर्ष नेताओं में शुमार रहा है और तालिबान के धर्म से जुड़े सभी आदेश वही जारी करता है।
वह एक धार्मिक कट्टरपंथी है और उसके विचार बेहद रूढ़िवादी हैं। वह दोषी पाए गए कातिलों और अवैध सेक्स संबंध रखने वालों लोगों की हत्या के आदेश जारी कर चुका है।
इसके अलावा उसने कई बार चोरी करने वालों के हाथ काटने के आदेश भी दिए हैं।