अफगानिस्तान: तालिबान ने महिलाओं को NGO में काम से रोका, शिक्षा पर भी लगा चुका रोक
क्या है खबर?
अफगानिस्तान में महिलाओं की शिक्षा पर रोक लगाने के बाद अब तालिबान ने एक और फरमान जारी कर दिया है। अब यहां संचालित हो रहे घरेलू और विदेशी गैर-सरकारी संगठनों (NGO) में भी महिलाएं काम नहीं कर सकेंगी।
तालिबान प्रशासन ने सभी NGO को अगले फरमान तक महिलाओं कर्मचारियों के काम पर आने पर प्रतिबंध लगाने के आदेश दिये हैं।
इससे पहले युवतियों और महिलाओं के लिए संचालित होने वाले विश्वविद्यालयों को तालिबान ने बंद कर दिया था।
आदेश
आदेश की नाफरमानी पर लाइसेंस किया जाएगा रद्द- तालिबान प्रशासन
तलिबान प्रशासन से वित्त मंत्रालय के प्रवक्ता अब्दुलरहमान हबीब ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि कुछ NGO अपनी महिला कर्मचारियों के लिए अनिवार्य इस्लामी हिजाब और ड्रेस कोड का पालन नहीं कर रहे थे। इसलिए अब महिला कर्मचारियों के NGO में काम करने पर अगले आदेश तक रोक लगाई जा रही है। अगर कोई संगठन इस आदेश का नाफरमानी करता है तो अफगानिस्तान में उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
प्रतिक्रिया
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही ताबिलान के इस फरमान की निंदा
तालिबान प्रशासन द्वारा विश्वविद्यालयों में महिलाओं की शिक्षा पर रोक लगाने के बाद अब यह नया फरमान सुनाया है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी निंदा हो रही है।
इस नए आदेश को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने इस कदम को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इससे लाखों लोगों को दी जा रही जरूरी मदद प्रभावित होगी। दुनियाभर में मानवीय सहायता अभियानों में महिलाओं की प्रमुख भूमिका है।
प्रदर्शन
विश्वविद्यालयों में प्रतिबंध के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन
तालिबान प्रशासन ने बीते दिनों महिलाओं के विश्वविद्यालय जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके खिलाफ राजधानी काबुल समेत कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और कई प्रदर्शनकारी महिलाओं को गिरफ्तार भी किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री ने अपने आदेश में कहा कि तालिबान ने अफगानिस्तान में युवतियों और महिलाओं के लिए संचालित विश्वविद्यालय को बंद करने की घोषणा की है। इसके तहत निजी और सार्वजनिक विश्वविद्यालयों में महिला छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
प्रतिबंध
तालिबानी सरकार को नहीं मिली है मान्यता
अफगानिस्तान में सरकार बनाने के बाद भी तालिबान को दुनिया से मान्यता नहीं मिली है। कई देश इसे अभी भी आतंकी संगठन मानते हैं, जिसके चलते कई देशों ने यहां कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं।
तालिबान प्रशासन ने देश में इस्लामी कानून लागू कर रखा है और महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लागू किए हुए हैं, जिनमें जिम, पार्क और शिक्षण संस्थानों समेत महिलाओं के कई जगहों पर काम करने में प्रतिबंध शामिल हैं।
तालिबान
पिछले साल तालिबान ने किया था अफगानिस्तान पर कब्जा
अगस्त, 2021 में अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पर तालिबान लड़ाकों ने कब्जा कर लिया था, जिसके बाद तालिबान अफगानिस्तान की सत्ता में काबिज हो गया था।
तभी से यह आशंका जताई जा रही थी कि सत्ता पर काबिज होने के बाद तालिबान महिलाओं के अधिकार छीन सकता है। उसने सत्ता पाते ही काबुल समेत कई शहरों में सैलून में तोड़फोड़ शुरू कर दी थी।
तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान की कई महिला सांसद विदेशों में बस गई थीं।