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सीरिया: राष्ट्रपति असद के महल पर विद्रोहियों का कब्जा, परिवार संग रूस में ली शरण
सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद के महल में घुसे विद्रोही (तस्वीर: एक्स/@MeghUpdates)

सीरिया: राष्ट्रपति असद के महल पर विद्रोहियों का कब्जा, परिवार संग रूस में ली शरण

लेखन गजेंद्र
Dec 09, 2024
11:06 am

क्या है खबर?

सीरिया में विद्रोही गुट ने राजधानी दमिश्क में दाखिल होने के बाद उत्पात मचा दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति बशर अल-असद के महल पर भी कब्जा कर लिया है। सोशल मीडिया पर आ रही तस्वीरों और वीडियो में विद्रोही राष्ट्रपति के महल में सेल्फी लेते और उनकी कुर्सी पर बैठे नजर आ रहे हैं। उन्होंने काफी तोड़फोड़ की है। विद्रोही हथियारों के साथ महल में दिख रहे हैं। इस दौरान वे फर्नीचर और आभूषण समेत कीमती सामान अपने साथ ले गए।

विद्रोह

रूस में हैं राष्ट्रपति अल-असद

रविवार को विमान से देश छोड़ने के बाद राष्ट्रपति अल-असद अचानक रूस पहुंच गए हैं। 59 वर्षीय तानाशाह नेता ने अपने परिवार के साथ मानवीय आधार पर मॉस्को में शरण ली है। रूसी मीडिया के मुताबिक, मास्को में अल-असद ने रूसी सैन्य ठिकानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समझौता किया है। मास्को ने पहले बताया था कि कि असद ने देश छोड़ने से पहले सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण के आदेश दिए थे।

हमला

अमेरिका ने हमला किया

अमेरिका ने सीरिया में विद्रोहियों के कब्जे के बीच देश में इस्लामिक स्टेट (ISIS) के ठिकानों पर कई हवाई हमले शुरू कर दिए हैं, जिसकी पुष्टि उसने खुद की है। अमेरिकी सेंट्रल कमांड ने कहा कि सेना ने रविवार को मध्य सीरिया में ISIS के ठिकानों पर दर्जनों हवाई हमले किए हैं ताकि युद्धग्रस्त देश में आतंकी संगठन को उभरने को रोका जा सके। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह सीरिया में भागीदारों के साथ काम करेगा।

विद्रोह

सीरिया में 5 दशक से सत्ता में है असद परिवार

सीरिया पर असद परिवार 5 दशक से सत्ता में है। असद ने अपने पिता हाफिज असद की मृत्यु के बाद 2000 में सत्ता संभाली थी। असद के खिलाफ 2011 से ही गृह युद्ध के रूप में विद्रोह शुरू हो गया था। इधर, रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध से असद के विद्रोहियों को मौका मिल गया। लड़ाकों ने 27 नवंबर को सरकार और सेना के खिलाफ इदलिब शहर से हमला शुरू किया और 10 घंटे के भीतर शहर पर कब्जा कर लिया।

विद्रोही

कौन हैं विद्रोही?

इस विद्रोह का नेतृत्व मुख्य तौर पर हयात तहरीर अल शाम (HTS) कर रहा है। ये अलकायदा से जुड़ा एक आतंकी समूह है, जिसका नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जुलानी करता है। जुलानी अल-कायदा का सदस्य रह चुका है। बीते कुछ सालों में HTS ने खुद को नया नाम देकर अपनी छवि सुधारने का प्रयास किया है। अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र (UN) ने HTS को एक आतंकवादी संगठन घोषित कर रखा है, लेकिन संगठन अपने आतंकी संबंधों को नकारता रहा है।

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राष्ट्रपति के महल में घुसे विद्रोही