रूसी सेना में जबरन भर्ती 6 युवकों की घर वापसी, प्रधानमंत्री की मॉस्को यात्रा का असर
नौकरी दिलाने के नाम पर रूस की सेना में जबरन भर्ती किए गए 6 भारतीय युवाओं की घर वापसी हो गई है। वे शुक्रवार सुबह अपने घर लौट आए हैं। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, छूटे युवाओं में तेलंगाना के नारायणपेट जिले का युवक मोहम्मद सूफियान और गुलबर्गा के 3 युवक मोहम्मद इलियास सईद हुसैनी (23), मोहम्मद समीर अहमद (24) और नईम अहमद शामिल (23) हैं। इनके अलावा कश्मीर और कोलकाता के एक-एक युवक को भी रिहा किया गया है।
धोखे से दी गई थी नौकरी
युवकों के परिवारों ने बताया कि उन्हें विश्वास दिलाया गया कि वे रूसी सरकारी कार्यालयों में सहायक के रूप में नौकरी के लिए आवेदन कर रहे हैं, लेकिन बाद में धोखा मिला और उन्हें युद्ध पर जाने के लिए मजबूर किया गया। सूफियान समेत गुलबर्गा के 3 लोग पहले दुबई में कार्यरत थे, जहां उनको 30,000 रुपये प्रतिमाह वेतन मिलता था। सभी को एजेंट ने मॉस्को में नौकरी करने के लिए मना लिया था और धोखे से आवेदन कर दिया।
कई अन्य देख रहे हैं लौटने की राह
पीड़ित सूफियान के भाई ने बताया कि करीब 55 को रिहा किया गया है, जिसमें कई भारतीय हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मॉस्को यात्रा के बाद रिहाई पर काम तेज हुआ। बता दें, केरल राज्य के भी कई युवा आकर्षक वेतन देखकर रूसी सेना में भर्ती हुए थे और अपना पासपोर्ट जमा कर दिया था, अब वे लौटना चाहते हैं। हैदराबाद के एक युवक की यूक्रेन युद्ध में मौत के बाद सभी दहशत में हैं।