सऊदी अरब के पत्रकार जमाल खशोगी बने टाइम के 'पर्सन ऑफ द ईयर'
तुर्की स्थित सऊदी अरब के वाणिज्य दूतावास में मारे गए पत्रकार जमाल खशोगी को दुनिया की जानी-मानी पत्रिका टाइम ने 'पर्सन ऑफ द ईयर' नामित किया है। उनके साथ पत्रिका ने उन पत्रकारों को भी इस सूची में जगह दी है, जिन्हें अपने काम के चलते सजा या उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। पत्रिका ने चार अलग-अलग कवर जारी किए हैं। इन पर उन पत्रकारों को जगह दी गई है, जिन्हें उनके काम के लिए निशाना बनाया गया।
पत्रकारों को बताया 'सच के रक्षक'
टाइम पत्रिका ने इन पत्रकारों को सच का 'गार्डियन्स (रक्षक)' करार दिया है। टाइम ने इस साल जमाल खशोगी के अलावा अमेरिकी अखबार कैपिटल गैजेट के स्टाफ, जो गोलीबारी में मारे गए, फिलीपीन की मारिया रेसा और रॉयटर के संवाददाता वा लोन और क्याव सो ओ की पत्नियों को अपने कवर पर जगह दी है। पत्रिका ने कहा कि ये पत्रकार सच की तलाश में जोखिम उठा रहे थे और लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे थे।
कौन थे जमाल खशोगी
जमाल खशोगी सऊदी अरब के जाने-माने पत्रकार थे। उन्हें सऊदी अरब के शासन का घोर आलोचक माना जाता था। उनकी अक्टूबर में तुर्की स्थित सऊदी केे वाणिज्य दूतावास में हत्या कर दी गई थी। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर उनकी हत्या के आदेश देने के आरोप लगे। खशोगी कुछ सालों से अमेरिका में रहकर वाशिंगटन पोस्ट के लिए कॉलम लिखते थे। वे अपनी मंगेतर से शादी करने के लिए जरूरी दस्तावेज लेने दूतावास में गए थे।
कैपिटल गैजेट के 5 कर्मचारियों की हुई थी हत्या
मैरीलैंड से चलने वाले अखबार कैपिटल गैजेट के ऑफिस में 28 जुलाई को एक बंदूकधारी शख्स ने अखबार के एडिटोरियल स्टाफ के पांच स्दस्यों की गोली मारकर हत्या कर दी। जांच में पता चला कि बंदूकधारी शख्स ने 2012 में अखबार के खिलाफ मानहानि का दावा किया था, लेकिन वह यह केस हार गया। घटना के अगले दिन स्टाफ ने पार्किंग से काम कर अखबार छापा। उन्होंने संपादकीय पेज को खाली छोड़ते हुए एक नोट लिखा, 'हम निशब्द हैं।'
मारिया रेसा की वेबसाइट का लाइसेंस छीना गया
पूर्व CNN पत्रकार मारिया रेसा ने फिलीपीन में 2012 में अपनी न्यूज वेबसाइट रैप्लर (Rappler) शुरूआत की थी। अपनी खोजी पत्रकारिता के कारण यह साइट जल्द ही लोकप्रिय हो गई। वेबसाइट देश के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे की कड़ी आलोचना करती थी। 2016 में वेबसाइट ने राष्ट्रपति चुनावों में धांधली की खबरों को छापा। इसके बाद राष्ट्रपति ने वेबसाइट के संवाददाता की राष्ट्रपति भवन में प्रवेश पर रोक लगा दी। इस साल जनवरी में वेबसाइट से लाइसेंस वापस ले लिया गया।
वा लोन और क्याव सो ओ को सात साल की सजा
रायटर्स के पत्रकार वा लोन और क्याव सो ओ को सितंबर में म्यांमार में सात साल की कैद की सज़ा सुनाई गई। म्यांमार के इन दोनों नागरिकों को गोपनीय कानून के उल्लंंघन के लिए यह सजा सुनाई गई। रखाइन क्षेत्र में सेना द्वारा 10 रोहिंग्याओं की हत्या की खबर सामने लाने के बाद उन पर ये आरोप लगाए गए। इनका कहना है कि उन्हें पुलिस द्वारा फंसाया गया है। इस घटना के बाद फिलीपीन सरकार की दुनियाभर में आलोचना हुई।
कौन होता है पर्सन ऑफ द ईयर
टाइम पत्रिका 1927 से 'पर्सन ऑफ द ईयर' का ऐलान कर रही है। इसके तहत पत्रिका के कवर पर उन लोगों या घटनाओं को स्थान दिया जाता है, जिन्होंने पूरे साल अच्छी या बुरी खबरों के कारण दुनिया के सामने अपनी अलग छवि तैयार की।