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होम / खबरें / बिज़नेस की खबरें / ज़्यादातर लोग नो कॉस्ट EMI के इन पाँच भ्रमों के हैं शिकार, जानें उनकी सच्चाई
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    ज़्यादातर लोग नो कॉस्ट EMI के इन पाँच भ्रमों के हैं शिकार, जानें उनकी सच्चाई

    प्रदीप मौर्य
    लेखन
    प्रदीप मौर्य
    Twitter
    अंतिम अपडेट Jul 25, 2019, 03:09 pm
    ज़्यादातर लोग नो कॉस्ट EMI के इन पाँच भ्रमों के हैं शिकार, जानें उनकी सच्चाई
  • ई-कॉमर्स वेबसाइट और ऑफलाइन स्टोर अक्सर लैपटॉप, स्मार्टफोन और घरेलू उपकरणों जैसे विभिन्न उत्पादों पर 'नो कॉस्ट EMI' ऑफ़र करते हैं।

    जबकि, नो कॉस्ट EMI या जीरो कॉस्ट EMI का वास्तव में मतलब है कि ख़रीदार अपनी EMI ख़रीद पर 0% ब्याज का भुगतान करते हैं। कई लोगों में इसको लेकर बहुत सारे भ्रम हैं।

    आज हम यहाँ आपको नो कॉस्ट EMI से जुड़े आपके सारे भ्रमों की सच्चाई बताने जा रहे हैं।

  • इस खबर में
    क्या वास्तव में नो कॉस्ट EMI नाम की कोई चीज़ है? नो कॉस्ट EMI का वास्तविक मतलब है 0% ब्याज दर नो कॉस्ट EMI ऑफ़र वाले उत्पाद अन्य की तुलना में होते हैं सस्ते किसी भी उत्पाद पर उठा सकते हैं नो कॉस्ट EMI का लाभ नो कॉस्ट, शून्य ब्याज EMI जेब के लिए आसान
  • #1

    क्या वास्तव में नो कॉस्ट EMI नाम की कोई चीज़ है?

    क्या वास्तव में नो कॉस्ट EMI नाम की कोई चीज़ है?
  • नो कॉस्ट EMI के बारे में सबसे बड़ा भ्रम यह है कि ज़्यादातर लोग इस अवधारणा को सच मानते हैं।

    भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2013 के एक सर्कुलर में नो कॉस्ट EMI की अवधारणा को रद्द कर दिया था।

    सर्कुलर में कहा गया था कि क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर दी जानें वाली 0% EMI योजनाओं में ब्याज तत्व अक्सर छलावा होता है और ग्राहकों के ऊपर प्रोसेसिंग फ़ीस के तौर पर थोप दिया जाता है।

  • #2

    नो कॉस्ट EMI का वास्तविक मतलब है 0% ब्याज दर

  • विशेषज्ञों का कहना है कि नो कॉस्ट EMI में उच्च ब्याज दर 15-24% है, जो अक्सर ग्राहकों द्वारा भुगतान नहीं किया जाता है।

    उदाहरण के लिए ई-टेलर्स ख़रीदारों को छूट/कैशबैक के रूप में वास्तविक ब्याज के बराबर राशि प्रदान करते हैं। जबकि, ग्राहक ज़्यादातर कई मामलों में कुछ छूट/कैशबैक के साथ उत्पाद की केवल मूल कीमत का भुगतान करता है और कोई प्रेसेसिंग फ़ीस भी नहीं देता है।

    ई-कॉमर्स वेबसाइट फ़ाइनेंसरों को रियायती राशि (वास्तविक ब्याज) का भुगतान करती हैं।

  • #3

    नो कॉस्ट EMI ऑफ़र वाले उत्पाद अन्य की तुलना में होते हैं सस्ते

    नो कॉस्ट EMI ऑफ़र वाले उत्पाद अन्य की तुलना में होते हैं सस्ते
  • एक और तरीक़ा जिसमें नो कॉस्ट EMI का काम उत्पादों की कीमत में वास्तविक ब्याज लागत जोड़कर ग्राहकों से लिया जाता है। यह ज़्यादातर ऑफलाइन खुदरा विक्रेताओं द्वारा किया जाता है।

    इस मामले में ग्राहक किसी उत्पाद के लिए बहुत अधिक कीमत का भुगतान करते हैं, जिसे वे काफ़ी कम राशि का भुगतान करके प्राप्त करते थे।

    हालाँकि, कभी-कभी उत्पाद निर्माता शून्य लागत EMI का ख़र्च भी उठाते हैं।

  • #4

    किसी भी उत्पाद पर उठा सकते हैं नो कॉस्ट EMI का लाभ

  • जीरो कॉस्ट EMI लोन ऑफ़र निर्माताओं या खुदरा विक्रेताओं द्वारा मार्केटिंग या सेल्स प्रमोशन रणनीति है, जो अपने उत्पादों को प्रमोट करने या अपने स्टॉक को तेज़ी से बेचने के लिए अपनाया जाता है।

    इसलिए, ये योजनाएँ केवल चुनिंदा उत्पादों और ब्रांड के लिए उपलब्ध होती हैं।

    उत्पादों की एक विस्तृत ऋंखला पर नो कॉस्ट EMI लोन की पेशकश नहीं की जाती है। आमतौर पर कोई भी इन ऑफ़र को महँगे और हायर-एंड उत्पादों पर पा सकता है।

  • #5

    नो कॉस्ट, शून्य ब्याज EMI जेब के लिए आसान

    नो कॉस्ट, शून्य ब्याज EMI जेब के लिए आसान
  • नो कॉस्ट EMI लोन हमेशा एक सस्ता विकल्प नहीं होता है, क्योंकि ज़्यादातर बैंक, क्रेडिट कार्ड कंपनियाँ या फाइनेंसर इन स्कीमों की पेशकश करते हैं, जिनका अधिकतम भुगतान 12 महीने का होता है।

    कभी-कभी बहुत ज़्यादा महँगे उत्पाद के लिए भी रीपेमेंट अवधि तीन महीने से भी कम हो सकती है। जिसका मतलब है कि ख़रीदार उच्च EMI का भुगतान करते हैं।

    कुछ मामलों में ग्राहकों को डाउन पेमेंट का भुगतान करने की भी आवश्यकता होती है।

  • भारत
  • भारतीय रिजर्व बैंक
  • ऑनलाइन शॉपिंग
  •  
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