सऊदी अरब में खत्म की गई कोड़े मारने की सजा, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया आदेश
सऊदी अरब ने कोड़े मारने की सजा को खत्म कर दिया है। शनिवार को देश के सुप्रीम कोर्ट ने एक लीगल डॉक्युमेंट जारी करते हुए इसे खत्म किया। कोर्ट ने कहा कि ये सुधार देश को शारीरिक दंड के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार मापदंडों के बराबर खड़ा करने लिए किया गया है। इस निर्देश को सऊदी के राजा सलमान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की मानवाधिकार सुधारों की श्रृंखला की एक कड़ी के तौर पर देखा जा रहा है।
कई अपराधों के लिए होती थी कोड़े मारने की सजा
सऊदी अरब में विवाहेत्तर यौन संबंध से लेकर शांति भंग करने और हत्या आदि के मामलों में कोड़े मारने की सजा सुनाई जाती थी। इस सजा के बने रहने से सऊदी अरब की छवि को पूरी दुनिया में बड़ा धक्का लगता था और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं समेत तमाम समूह उसकी तीखी आलोचना करते थे। इन आलोचकों का कहना है कि सऊदी अरब उन देशों में शामिल है जहां मानवाधिकारों का सबसे ज्यादा उल्लंघन होता है।
कोड़े मारने की जगह सुनाई जाएंगी ये सजा
अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर कोड़े मारने की इस सजा को खत्म कर दिया गया है। कोर्ट ने कहा कि अब कोड़े मारने के बदले अपराधियों को जेल और जुर्माने या फिर सामुदायिक सेवा करने की सजा सुनाई जाएगी।
हाल ही में जेल में हुई थी मानवाधिकार कार्यकर्ता की मौत
सुप्रीम कोर्ट का ये निर्देश ऐसे समय पर आया है जब हाल ही में देश के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल्ला अब-हमीद की दिल का दौरा पड़ने की वजह से जेल में मौत हो गई थी। 69 वर्षीय हमीद पर सऊदी शासक के साथ निष्ठा तोड़ने, अव्यवस्था के लिए उकसाने और राष्ट्रीय सुरक्षा को अस्त-व्यस्त करने की कोशिश करने समेत कई आरोप थे। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का आरोप है कि उनके स्वास्थ्य की अनदेखी की गई थी जिसके कारण उनकी मौत हुई।
ये है कोड़े मारने की सजा का सबसे चर्चित मामला
सऊदी अरब में कोड़े मारने की सजा का सबसे चर्चित मामला ब्लॉगर रैफ बदावी का है। बदावी पर अपनी वेबसाइट 'सऊदी लिबरल नेटवर्क' पर इस्लाम का अपमान करने समेत कई आरोप थे। उन्हें जून, 2012 में गिरफ्तार किया गया और 2014 में 10 साल कैद और 1000 कोड़े मारे जाने की सजा सुनाई गई। 2015 में उन्हें सार्वजनिक तौर पर ये कोड़े मारे गए। इस घटना की पूरे विश्व में जमकर निंदा हुई थी।
सऊदी अरब के आधुनिकीकरण में लगे हैं क्राउन प्रिंस सलमान
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान रूढ़िवादी समाज के लिए चर्चित सऊदी अरब के आधुनिकीकरण में लगे हुए हैं। उनके विजन 2030 के मद्देनजर महिलाओं को गाड़ी चलाने से लेकर अन्य कई तरीके के कड़े नियमों में ढील दी गई है। महिलाओं को अपनी पसंद से शादी करने और बिना अभिभावकों की इजाजत के विदेश यात्रा पर जाने संबंधी कई अधिकार दिए गए हैं। सलमान का लक्ष्य तेल के निर्यात से होने वाले राजस्व पर देश की निर्भरता कम करना है।