भारत में पाए गए कोरोना वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर हैं फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीनें- स्टडी
अमेरिकी वैज्ञानिकों की एक स्टडी में फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीनों को भारत में पाए गए कोरोना वायरस के दो वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर पाया गया है। ये वैक्सीनें B.1.617 और B.1.618 वेरिएंट्स में पाए जाने वाले म्यूटेशन्स को निष्क्रिय करने में सफल रहीं। हालांकि इन वेरिएंट्स के खिलाफ पैदा हुई एंटीबॉडीज की संख्या कम रही, हालांकि यह उतनी कम नहीं थी कि इसका वैक्सीनों की प्रभावशीलता पर कोई खास असर पड़ता।
वैक्सीन लगवा चुके लोगों का खून लेकर की गई स्टडी
न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के ग्रोसमैन स्कूल ऑफ मेडिसिन और लैंगोन सेंटर के वैज्ञानिकों ने इस स्टडी में सबसे पहले उन लोगों का खून लिया जिन्हें फाइजर या मॉडर्ना की वैक्सीन लग चुकी है। इन्हें लैब में पैदा किए गए उन स्यूडो-वायरस के साथ मिलाया गया जिनकी स्पाइक प्रोटीन में भारत में मिले B.1.617 और B.1.618 वेरिएंट्स जैसे म्यूटेशन थे। इसके बाद कितनी कोशिकाएं संक्रमित होती हैं, यह देखने के लिए इस मिश्रण को कृत्रिम कोशिकाओं के संपर्क में लाया गया।
क्या रहे नतीजे?
स्टडी में पाया गया कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों के खून में मौजूद एंटीबॉडीज म्यूटेशन को निष्क्रिय करने में तो कामयाब रहे, लेकिन न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज की संख्या कम रही। B.1.617 वेरिएंट के लिए न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज की संख्या में लगभग चार गुना कमी देखने को मिली, वहीं B.1.618 वेरिएंट के लिए यह आंकड़ा तीन गुना कम रहा। स्टडी के वरिष्ठ शोधकर्ता नेथनिएल नेड लांदाऊ ने कहा कि हमें विश्वास है कि वैक्सीन बेहद प्रभावी साबित होंगी।
"वेरिएंट्स के खिलाफ कारगर एंटीबॉडीज की संख्या पर्याप्त"
लांदाऊ ने कहा कि कुछ एंटीबॉडीज नए वेरिएंट्स के खिलाफ काम नहीं करती हैं, हालांकि फिर भी ऐसी बहुत एंटीबॉडीज हैं जो इनके खिलाफ कारगर हैं। उन्होंने कहा कि यह संख्या बिना म्यूटेशन वाले वायरस से संक्रमित हुए लोगों के खून में मौजूद एंटीबॉडीज की तुलना में काफी अधिक हैं। उनकी टीम की रिसर्च में यह भी सामने आया कि भारत में पाए गए ये वेरिएंट्स ACE2 रिसेप्टर्स से ज्यादा कड़ाई से चिपकते हैं, इसलिए अधिक संक्रामक हैं।
कोवैक्सिन और कोविशील्ड भी B.1.617 वेरिएंट के खिलाफ कारगर
बता दें कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) द्वारा की गई शुरूआती जांच में कोविशील्ड और कोवैक्सिन वैक्सीनों को भी B.1.617 वेरिएंट के खिलाफ कारगर पाया गया था। हालांकि फाइजर और मॉडर्ना की तरह ये दोनों वैक्सीनें भी इस नए वेरिएंट के खिलाफ कम एंटीबॉडीज तैयार कर पाईं। इन दोनों वैक्सीनों ने इस वेरिएंट के खिलाफ दो गुना कम एंटीबॉडीज पैदा कीं। विशेषज्ञों ने कहा था कि दो गुना गिरावट चिंता का विषय नहीं है।
दुनिया और भारत में क्या है महामारी की स्थिति?
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक लगभग 16.34 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 33.86 लाख लोगों की मौत हुई है। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में 3.30 करोड़ लोग संक्रमित हो चुके हैं और 5.86 लाख लोगों की मौत हुई है। भारत की बात करें तो यहां 2.52 करोड़ लोगों को संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 2.79 लाख लोगों की मौत हुई है। यहां रोजाना लगभग तीन लाख मामले सामने आ रहे हैं।