ब्लैकलिस्ट होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्तान की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, इस हफ्ते अहम बैठक
आतंकी वित्तपोषण रोकने में असफल पाकिस्तान पर फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) कड़ी कार्रवाई कर सकता है। मनी लॉन्ड्रिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF का एशिया-पैसिफिक ग्रुप (APG) इस सप्ताह पाकिस्तान द्वारा आतंक के खिलाफ उठाए गए कदमों की समीक्षा करेगा। इस बैठक में हिस्सा लेने के लिए पाकिस्तानी अधिकारी बैंकॉक पहुंच चुके हैं। तीन दिन तक चलने वाली बैठक में पाकिस्तान इस बात की जानकारी देगा कि उसने आतंकवाद पर रोक लगाने के लिए क्या किया है।
पाकिस्तान के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है यह बैठक
पाकिस्तान पहले ही आतंकवाद के खिलाफ पर्याप्त कदम न उठा पाने के चलते APG की 'इन्हैंस्ड ब्लैकलिस्ट' में शामिल है। इस तीन दिवसीय बैठक में पाकिस्तान को बड़ा झटका लग सकता है। सूत्रों ने बताया कि इमरान सरकार ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, जमात उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत के खिलाफ सबूत इकट्ठे करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं, जिस कारण वह मुश्किलों में घिर सकता है। FATF हाफिज सईद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।
हाफिज सईद ने गिरफ्तारी को चुनौती दी
पाकिस्तान ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और वैश्विक आतंकी हाफिज सईद आतंकी फंडिंग मामले में जेल में डाला था। पिछले महीने हाफिज सईद ने लाहौर हाई कोर्ट में अपनी FIR को चुनौती दी थी।
अगस्त में पाकिस्तान पर हुई थी बड़ी कार्रवाई
पिछले महीने ऑस्ट्रेलिया में हुई APG की बैठक में पाकिस्तान को 'इन्हैंस्ड ब्लैकलिस्ट' में डाला गया था। आतंकी फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम लगाने के लिए 40 मानक निर्धारित किए गए थे। पाकिस्तान इनमें से 32 मानकों पर खरा नहीं उतर पाया था। समीक्षा में APG ने पाया कि पाकिस्तान कई क्षेत्रों में संतोषजनक काम नहीं कर पाया है। इसके बाद APG ने उसे अपनी विस्तृत ब्लैकलिस्ट में डाल दिया था।
आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की बढ़ेंगी मुश्किलें
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय गहरे संकट से गुजर रही है। सरकार ने इसे सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए थे, जिसके चलते रोजमर्रा की चीजों के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी हो गई थी। इसके बाद लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए थे। ऐसे में अगर FATF अगर पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डालती है तो उसके आर्थिक संकट और गहरा जाएंगे। इससे निवेश से लेकर उसकी कारोबारी साख तक प्रभावित होगी।
अब आगे क्या होगा?
APG के फैसला FATF की किसी भी कार्रवाई के लिए बड़ा आधार बनेगा। अक्तूबर में FATF की बैठक होगी। इसमें APG के इस फैसले और पाकिस्तान द्वारा तब तक उठाए गए कदमों पर चर्चा होगी। अगर पाकिस्तान इस दौरान पुख्ता कदम नहीं उठा पाता है तो FATF अगली कार्रवाई पर विचार करेगी। यह कार्रवाई पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट करने की भी हो सकती है। ऐेसे में पाकिस्तान के पास ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए अक्तूबर तक का समय है।